राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 जून। कोरोना महामारी के कारण विगत डेढ़ वर्ष से स्कूल बंद है। बच्चों को सुरक्षित अपने घरों में रहते नियमित पढ़ाई से जोड़े रखने के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नित नए नवाचार किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ग्रीष्म अवकाश में बच्चों को सक्रिय रखने और अपने परिवेश से जोडऩे के उद्देश्य से आमाराइट प्रायोजना के नाम से प्रोजेक्ट वर्क देने का नवाचारी प्रयास किया जा रहा है।
आमाराइट प्रायोजना के अंतर्गत बच्चें अपने पालकों का सहयोग लेते सामान्य जानकारी प्राप्त कर प्रोजेक्ट फाईल तैयार कर शिक्षकों के पास जमा करेंगे और उसी के आधार पर बच्चों का मूल्यांकन होगा। इसी कड़ी में राजनांदगांव जिले के छुईखदान वनांचल क्षेत्र में एवं छुईखदान संकुल के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक शाला श्यामपुर की शिक्षिका शिवांगी पशीने और शिक्षा सारथी अमरीका धुर्वे द्वारा भी शाला के बच्चों के घर घर जाकर आमाराइट प्रायोजना के प्रश्नों का प्रिंट आउट और प्रोजेक्ट लिखने के लिए पेपर, कबाड़ से जुगाड़ सामग्री का वितरण किया गया। जिससे आकर्षक प्रोजेक्ट बच्चों द्वारा तैयार किया जा सके।
शिक्षिका शिवांगी पशीने ने बताया कि वनांचल में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखना एक कठिन एवं चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन इस कोरोना काल मे भी शिक्षा विभाग राजनांदगांव और शिक्षा विभाग छुईखदान के अधिकारियों के सतत मार्गदर्शन में बच्चों को सुरक्षित और नियमित पढ़ाई से जोड़े रखने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए है।
पढ़ई तुंहर दुआर के जिला मीडिया प्रभारी सतीश ब्यौहरे ने बताया कि शिक्षा विभाग छुईखदान बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में अग्रणी रहता है। छुईखदान एबीईओ गिरेन्द्र सुधाकर ने छुईखदान ब्लॉक की शिक्षिका शिवांगी पशीने के इस नवाचारी प्रयास की प्रशंसा करते बताया कि अन्य ब्लॉक एवं स्कूल के बच्चे भी शिक्षिका से कॉलकांफ्रेन्स के माध्यम से सम्पर्क कर प्रोजेक्ट तैयार कर रहे हैं। इसे विकासखंड के सभी स्कूलों में लागू करवाने की बात कही है।
विभाग के नवाचारों की तारीफ करते जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम, डीएमसी भूपेश साहू, एपीसी सतीश ब्यौहरे, जिला मीडिया सहयोगी परसराम झाड़े एवं दुर्गेश त्रिवेदी, एचडी कोसरे, बीआरसी सुजीत चैहान एबीईओ गिरेन्द्र सुधाकर, वंदना मिश्रा, सरपंच श्रीमती सेन ने शुभकामनाएं दी है।