राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 मई। मौसम विभाग द्वारा इस वर्ष खरीफ में अच्छी वर्षा होने की संभावना जाहिर की गई है। जिसके कारण इस वर्ष जिले में कृषि रकबा में वृद्धि होने की संभावना है। कृषि विभाग द्वारा भी खरीफ में बेहतर खेती के लिये कार्य योजना तैयार कर लगातार कृषि आदान सामग्रियों (खाद एवं बीज) का सहकारी समितियों में लक्ष्य अनुसार भंडारण कराया जा रहा है। अनुमान अनुसार इस वर्ष 298520 हेक्टेयर धान का रकबा, सोयाबीन 34100 हेक्टेयर, अरहर 9650 हेक्टेयर, तिलहनी फसल 35390 हेक्टेयर तथा दलहनी फसल 19800 हेक्टेयर में लगने के अलावा 6020 हेक्टेयर में साग सब्जी फसले लगने की संभावना है।
सभी समितियों में धान, अरहर के बीज पर्याप्त मात्रा में भंडारित है, परन्तु पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष भी सोयाबीन के बीज की न्यूनता के कारण भंडारण में विलंब हो रहा है। ऐसे समय में जब खरीफ मौसम मुहाने पर है। खेती करने वाले किसानों को सोयाबीन के अलावा अन्य दलहन एवं तिलहन फसलों के विकल्प पर भी विचार करने की आवश्यकता है। सोयाबीन के स्थान पर अरहर फसल ऊपरी भूमि व भर्री भूमि वाले कृषक के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है, क्योंकि अरहर के विभिन्न प्रकार के फसलों के साथ बुआई किए जा सकने एवं अतिरिक्त आमदनी का जरिया होने के कारण इस फसल को सोयाबीन के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है। अरहर की बुआई का उपयुक्त समय 25 जून से 15 जुलाई तक रहता है, जहां पानी की सुविधा है, वहां जल्दी बुआई करना लाभप्रद रहता है इसकी बुआई देरी की दशा में 5 अगस्त तक कर सकते हैं। उप संचालक कृषि जीएस धुर्वे ने आगामी खरीफ में सोयाबीन बीज के भंडारण में विलंब तथा अन्य राज्यों में बीज उपलब्ध न होने की स्थिति को देखते किसानों को सोयाबीन के बेहतर विकल्प के रूप में अरहर फसल को अपनाने की अपील की है।