राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 दिसंबर। नक्सल मोर्चे में मध्यप्रदेश की बालाघाट पुलिस ने एक बेहतर कामयाबी के साथ दशकों से वांछित छोटा दीपक उर्फ मंगल उईके (52 साल) को मुख्यधारा में वापस लाया है।
दीपक मूलत: बालाघाट का ही बांशिदा है। वह पालेगोंदी गांव का रहने वाला है। दीपक ने बिरसा थाना क्षेत्र के सीआरपीएफ के कोरका कैंप में दर्रेकसा एरिया कमेटी के एसीएम रोहित उर्फ मंगरू (30 वर्ष) के साथ समर्पण किया है। रोहित मूलत: बस्तर का रहने वाला है। दीपक ने स्टेनगन फोर्स के हवाले कर दिया है। दीपक का बतौर नक्सली काफी खौफ रहा है। उस पर मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ में लाखों रुपए का इनाम घोषित है। साल 2019 में दीपक की पत्नी जमुना को राजनांदगांव पुलिस ने मार गिराया था।
इस संबंध में बालाघाट रेंज आईजी संजय कुमार ने ‘छत्तीसगढ़’ से दीपक की सरेंडर की पुष्टि करते कहा कि शासन द्वारा निर्धारित समर्पण नीति के तहत सरेंडर करने पर लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस अन्य विषयों पर जानकारी जुटा रही है। गौरतलब है कि बालाघाट में भी सिलसिलेवार एमएमसी जोन के नक्सली हथियार डालकर मुख्यधारा में वापस लौट रहे हैं। इसके साथ ही एमएमसी जोन में नक्सलियों का लाल गलियारा बनाने का लक्ष्य भी खत्म हो गया। पुलिस बचे हुए नक्सलियों को वापस लाने के लिए जोर लगा रही है।

बालाघाट में हथियार और नक्सल सामान जब्त
एक ओर नक्सली लगातार सरेंडर कर रहे हैं। वहीं बालाघाट के गढही थाना क्षेत्र में गश्ती दल ने हथियार और नक्सल सामग्रियां जब्त की है। सुरक्षा बलों ने बुधवार शाम को सुपखार फारेस्ट रेंज के काटोलदेही जंगल में एके- इंसास रायफल और एसएलआर हथियार समेत 3 नग 303 रायफल जब्त किया है। इसके अलावा जवानों ने भारी मात्रा में नक्सलियों द्वारा गड़ाए गए राशन की खेप भी बरामद की है।


