राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 नवंबर। निर्वाचन नामावली का विषय गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का 01 जनवरी 2026 के संदर्भ में निर्वाचन आयोग द्वारा सभी राजनीतिक दलों की 29 अक्टूबर को शाम 05 बजे जिला कार्यालय सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। जिसमें चर्चा एवं सुझाव देते बताया कि पुनरीक्षण का कार्य मतदाता सूची 2003 के आधार पर किया जाना है। मतदाता सूची वर्ष 2003 वेबसाइट पर उपलब्ध है। जिसकी जानकारी वेब साइड पर मिलेगी।
इस पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने सुझाव देते कहा कि वर्ष 2003 के डाटा सूची की कापी उपलब्ध कराई जाए, क्योंकि हर किसी के पास चाहे वह बीएलओ या इस पुनरीक्षण में सहयोग करने वाले नागरिकगण अथवा पार्टी के कार्यकर्ता हर किसी को वेबसाइट देखना नहीं आता और इंटरनेट नेटवर्क की समस्या भी कई घंटों बने रहती है, जो कि सर्वविदित है कि बैंक के कार्यों में भी कई घंटों तक नेटवर्क उपलब्ध नहीं रहता और भी बहुत सारी खूबियां वेबसाइट में आती है, इसलिए यह वेबसाइट देखकर निर्वाचन नामावालियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पारदर्शितापूर्ण नहीं रहेगा और यदि इस प्रकार की कार्य बिना 2003 के मतदाता सूची दिए वेबसाइट के माध्यम से निर्वाचन कार्यालय से यह प्रक्रिया होती है तो निश्चित तौर पर वोट चोरी के मामले जो प्रमाणित तौर पर आने है और अन्य प्रदेशों में दिल्ली के सर्वोच्च सदन के नेता राहुल गांधी ने प्रमाणित दस्तावेजों के वोट चोरी के प्रकरण उजागर किए हैं।
वह यहां भी वोट चोरी के मामले निर्वाचन कार्यालय की वेबसाइट से चेक करने की प्रक्रिया के कारण उजागर नहीं हो पाएंगे और निर्वाचन कार्यालय की इस प्रक्रिया में वोट चोरी प्रकिया को संरक्षण देने की बातें आएगी। श्री छाबड़ा ने कहा कि निर्वाचन विभाग द्वारा लगी बीएलएओ की ड्यूटी का निर्धारित समय रहता है और हमारे बीएलए और मतदाताओं को समय पर नहीं मिलने से नाम जोडऩे व काटने का काम अधूरा रह जाता है। कार्य कर रहे बीएलएओ संबंधित बूथों में मतदाताओं के घरों में जाकर अपना कार्य करते हैं, इसलिए कई घरों में लोग जो प्राइवेट जॉब करते है, उनका अलग-अलग रहता है।
किसी का शाम, किसी को दोपहर और किसी की रात का रहता है। अपने जॉब का अथवा मेहनत मजदूरी के चलते समय पर नहीं मिलने के कारण निर्वाचन की इस कार्य में प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाती, जिसे बीएल (बूथ एजेंट) फार्म भरवाकर निर्वाचन संबंधित एसआईआर के चल रहे निर्वाचन विभाग के कार्य में सहयोग करते मतदाता सूची बनाने में मदद करते हैं एवं अन्य कमजोरियों का निराकरण की व्यवस्था वेबसाइट के माध्यम से कराते है।


