राजनांदगांव
.jpg)
राजनांदगांव, 28 अप्रैल। स्कूल शिक्षा विभाग में एक ही स्कूल तीन नामों से संचालित हो रहा है। एक ही स्कूल का दो अलग-अलग पंजीयन है। पहला यूडाइस तथा दूसरा फाम्र्स एवं सोसाइटी में पंजीकृत है। पहला दो सेटअप से वेतन भुगतान हो रहा है। पहले का प्रबंधन प्रभारी मंत्री द्वारा नियुक्त समिति द्वारा वहीं दूसरा जिला कलेक्टर के समिति के अधीन है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सेजेस स्कूलों का संचालन राज्य शासन के अधीन करने की घोषणा की थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन्हीं हायर सेकंडरी/हाई स्कूलों को पीएमश्री स्कूल का भी नामकरण किया गया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन का कहना है कि इन सभी स्कूलों को एक ही नाम पीएमश्री स्कूल रखा जाना चाहिए, क्योंकि एक ही स्कूल में तीन बजट का आबंटन अलग-अलग नाम से हो रहा है। इनका सेटअप भी अलग-अलग है।
उपरोक्त जानकारी देते छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिला संरक्षक मुकुल साव, जिला अध्यक्ष पीआर झाड़े, पीएल साहू, सीएल चंद्रवंशी, जितेंद्र बघेल, बृजभान सिन्हा, वीरेंद्र रंगारी, हेमंत पांडे, पुष्पेंद्र साहू, उत्तम डड़सेना, द्रोण साहू, रमेश साहू, संगीता ब्यौहरे, सीमा तरार, नीलू झाड़े, अभिषिक्ता फंदियाल, स्वाति वर्मा, संजीव मिश्रा, सुधांशु सिंह, सोहन निषाद, अब्दुल कलीम खान, राजेंद्र देवांगन, सीआर वर्मा, हीरालाल गजभिये एवं अनिल साहू ने बताया कि प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत रहे सेवानिवृत्त/दिवंगत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के अंतिम स्वतत्वों का भुगतान अन्य स्कूलों के रिक्त पदों से किया जा रहा है, क्योंकि शासकीय शालाओं को प्राप्त आहरण एवं संवितरण अधिकार को पूर्व सरकार के शिक्षा प्रमुख सचिव ने सेजेस में परिवर्तित होने के कारण बंद करने का आदेश दिया था।
गौरतलब है कि वित्त विभाग की अनुशंसा से महालेखाकार द्वारा आहरण एवं संवितरण अधिकार का स्वीकृति आदेश जारी होता है। जिसको बंद करने का अधिकार शिक्षा विभाग को नहीं है। फेडरेशन ने पूर्व शिक्षा मंत्री एवं विभाग के उच्च अधिकारियों को वेतन मद से भुगतान करने का आग्रह किया था, जिस पर निर्णय नहीं होने से वेतन भुगतान तथा सेवानिवृत्त/दिवंगत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के अंतिम स्वतत्वों के भुगतान में विलंब हो रहा है। फेडरेशन का कहना है कि निकट भविष्य में पदोन्नति से रिक्त पदों को भर दिया जाएगा। उस समय प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत रहे सेवानिवृत्त/दिवंगत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के अंतिम स्वतत्वों के भुगतान में दिक्कत होगा।