राजनांदगांव
ट्रस्ट की खराब बंदोबस्त पर सवाल, दर्शनार्थियों के लिए जानलेवा बना रोपवे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 अप्रैल। डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी के दर्शनार्थ हेतु बनाए गए रोपवे में लगातार हो रहे हादसे से श्रद्धालुओं के मन में डर समा गया है। शुक्रवार को राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष रामसेवक पैकरा, प्रदेश भाजपा महामंत्री भरत वर्मा, ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल समेत कुल 4 लोगों को लेकर नीचे उतरने के दौरान ट्रॉली के टूटने की घटना के बाद रोपवे व्यवस्था का संचालन कर रही मंदिर ट्रस्ट कटघरे में है।
कल ट्रॉली उस समय टूट गई, जब महज डेढ़ फीट के ऊपर से तार से अलग होकर गिर गई। जिसमें महामंत्री भरत वर्मा को गंभीर चोंट पहुंची। उनका रायपुर में उपचार चल रहा है। जबकि हादसे में पैकरा समेत तीन अन्य बाल-बाल गए। डोंगरगढ़ ट्रस्ट द्वारा संचालित रोपवे में लगातार जानलेवा घटनाएं हो रही है। औसतन हर दो साल में रोपवे में गंभीर घटनाएं हो रही है। करीब 3 साल पहले भी ओडिशा की एक महिला की ट्रॉली से गिरकर मौत हो गई थी। हवा-तूफान के चलते ट्रॉली लहराकर टूट गई थी। इससे पहले भी कई वीआईपी घंटों ट्रॉली में फंसकर हवा में लटकते रहे।
डोंगरगढ़ ट्रस्ट ने हाल ही के वर्षों नए रोपवे तैयार कर इसका संचालन अपने हाथ में लिया था। इससे पहले नगर पालिका परिषद के द्वारा ठेके में कलकत्ता की एक कंपनी रोपवे का संचालन करती थी। नए रोपवे निर्माण होने के बाद लोगों को बिना डर के रोपवे में सवार होकर मां के दर्शन करने की उम्मीद थी, लेकिन कल हुए हादसे ने डोंगरगढ़ ट्रस्ट की लापरवाही को उजागर कर दिया है। जबकि रोपवे में सवारी के एवज में ट्रस्ट द्वारा एक मोटी शुल्क भी ली जा रही है। ट्रस्ट के अधीन रोपवे के संचालन में अक्सर गड़बडिय़ां सामने आई है।
नगर पालिका की निगरानी में ठेके पर संचालित रोपवे में अशिक्षित और गैर तकनीकी कर्मियों की सेवाएं ली जा रही थी। उस दौरान हुए हादसे के बाद ट्रस्ट ने नए रोपवे का निर्माण का जिम्मा अपने हाथ में लिया।
डोंगरगढ़ में हर साल लाखों की तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए रोपवे का उपयोग करते हैं। दोनों नवरात्र में रोपवे के जरिये ट्रस्ट को करोड़ों रुपए की आय भी होती है। इसके बावजूद मेन्टेनेंस एवं गैर अनुभवी लोगों से काम लेकर ट्रस्ट सस्ते में काम चला रहा है। जिसका खामियाजा लोगों को हादसे के शिकार के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि कल हुए हादसा यदि रोपवे के नीचे उतरने के दौरान ऊंचाई में होता तो एक बड़ा जानलेवा हादसा हो सकता था। रोपवे के लैंड करने के दौरान हुए इस घटना ने बड़ा रूप नहीं लिया, लेकिन ट्रस्ट की कुप्रबंधन की खामियों को उजागर कर दिया।


