राजनांदगांव
राजनांदगांव, 26 अप्रैल। भाजपा नेता अशोक चौधरी ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि पहलगाम हमले के बाद जम्मू कश्मीर में हुए बंद को लेकर खास तौर पर कश्मीर घाटी में हुए बंद को समझने की आवश्यकता है। कश्मीर घाटी में ही कश्मीरी पंडितों को मार-मार कर भगाया गया था, उनके घर-द्वार, जमीन जायदाद और बहू-बेटियों पर कब्जा किया गया था। उस समय कश्मीरियत कहां थी, याद हो कि 370 हटाने के पहले कभी भी आतंकी घटनाओं पर कश्मीर के लोगों द्वारा वहां के नेताओं के द्वारा अफसोस भी प्रकट नहीं किया गया था, बल्कि आतंकियों की मौत पर हजारों-हजारों की संख्या में लोग आतंकियों के जनाजे के पीछे भारत मुर्दाबाद के नारे लगाते थे और भारत का झंडा जलाते थे और आतंकवादियों को शहीद बतलाते थे। 370 हटाने के बाद कश्मीर घाटी में जो 5 साल में रौनक आई थी और वहां के व्यवसायियों को जो लाभ होने लगा था, पहलगाम घटना के बाद उनकी रोजी-रोटी पर आघात होगा।
इसीलिए वे कश्मीर में बंद किए थे।


