राजनांदगांव

फीस के बदले शारीरिक संबंध बनाने दबाव का आरोप, संगीत विवि का प्रोफेसर बंदी
02-Apr-2025 1:19 PM
 फीस के बदले शारीरिक संबंध बनाने दबाव का आरोप, संगीत विवि का प्रोफेसर बंदी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 अप्रैल।
खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की एक छात्रा को प्रताडि़त करने के आरोप में पुलिस ने एक प्रोफेसर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने छात्रा की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की है। 

सोशल मीडिया पर विश्वविद्यालय के नाट्य विभाग के अधिष्ठाता योगेन्द्र चौबे के खिलाफ छात्रा ने फीस जमा करने के बदले  शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बढ़ाने का आरोप लगाया था। केसीजी जिले के एसपी त्रिलोक बंसल ने मामले की गंभीरता के मद्देनजर कार्रवाई की है।

हालांकि,  प्रोफेसर को बचाने के लिए कतिपय लोग यौन उत्पीडऩ के मामले को प्रशासनिक द्वेष से जोडक़र अलग-अलग तर्क पेश कर रह हैं।
बताया जा रहा है कि प्रोफेसर द्वारा छात्रा को लंबे समय से परेशान किया जा रहा था। प्रोफेसर पर छात्रा ने गंदी नीयत से छूने और बात-बात पर अपने ऑफिस तलब करने और घर में अकेले आने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने प्रोफेसर पर लगे आरोपों को संगीन मानते हुए सीधे कार्रवाई की है।

बताया जा रहा है कि पूर्व में छात्रा ने संगीत विश्वविद्यालय प्रबंधन को भी शिकायत की थी। शिकायत के बाद विशाखा कमेटी द्वारा जांच की गई। जिसमें पीडि़ता को यूनिवर्सिटी की छात्रा नहीं होने का हवाला देकर मामले को रफा-दफा किया गया। 

दरअसल, यह मामला इसलिए सुर्खियों में है, बीते 21 मार्च को यूनिवर्सिटी में राज्यपाल प्रवास पर थे। इस दौरान विश्वविद्यालय प्रबंधन की अव्यवस्था को लेकर कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा ने जिम्मेदार लोगों को फटकार लगा दी थी। इस मामले को लेकर कलेक्टर और विश्वविद्यालय प्रबंधन में राज्यपाल के रवाना होने के बाद सुलह हुआ था।  इस सुलह को प्रबंधन ने कलेक्टर द्वारा माफी मांगने का संदेश प्रचारित किया। 

 

 

 

वहीं पुलिस ने पीडि़ता की शिकायत के बाद प्रोफेसर पर कार्रवाई कर दी। इस कार्रवाई को कलेक्टर व विश्वविद्यालय प्रबंधन के बीच हुई विवाद से जोडक़र प्रचारित किया गया है। 
यह भी खबर है कि पीडि़ता ने राष्ट्रीय महिला आयोग से भी प्रोफेसर की शिकायत की थी। 24 फरवरी को महिला आयोग से खैरागढ़ पुलिस को कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया था। 

उस दौरान पीडि़ता का एक पैर फैक्चर हो गया था। जिसके कारण उसका बयान नहीं हो पाया था। संयोगवश कलेक्टर और प्रबंधन के बीच विवाद होने के बीच पीडि़ता ने यह बयान दिया। इसके बाद खैरागढ़ पुलिस ने प्रोफेसर को सीधे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।


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