राजनांदगांव
दोनों समिति प्रबंधकों को निलंबित करने के आदेश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 मार्च। धान खरीदी के दौरान सामग्री खरीदी की आड़ में बड़े पैमाने पर धांधली करने वाले दो समिति प्रबंधकों को सहकारिता विभाग की उपायुक्त ने निलंबित करने के आदेश दिए हैं।
धान उपार्जन वर्ष 2024-25 में उपार्जन कार्य के उपयोग में आने वाली सामग्रियों की खरीदी में बड़ी वित्तीय बड़ी गड़बड़ी की गई है। इसकी शिकायत होने के बाद जांच की गई।
जांच में गठुला और सीतागोटा समिति प्रबंधकों पर खरीदी की आड़ में भ्रष्टाचार के आरोप को सही पाया गया।
बताया जा रहा है कि सहकारी समितियों में 10 करोड़ से अधिक की खरीदी हुई है। जिसमें गुणवत्ताविहीन सामानों की खरीदी हुई है। उपार्जन केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक, तौल मशीन से लेकर तिरपाल, भूसा, प्लास्टिक बोरी, सूतली सहित अन्य सामग्रियों की खरीदी में भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया। पंजीयक द्वारा इसके लिए पहले से ही स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि खरीदी तय नियमों के अनुसार की जाए। समिति प्रबंधकों ने इस मामले को हल्के में लिया।
बताया जा रहा है कि समूचे जिले में सही तरीके से जांच करने पर और भी गड़बडिय़ां सामने आ सकती है।
बताया जा रहा है कि राजनांदगांव के उपायुक्त शिल्पा अग्रवाल ने एक आदेश जारी कर दोनों प्रबंधकों को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि व्यापक स्तर पर अन्य सोसायटियों में भी खरीदी की गई है। फिलहाल एक-दो मामलों की गड़बड़ी की पुष्टि हुई है। सहकारी समितियों के प्रबंधकों के खिलाफ उचित जांच पर जोर दिया जा रहा है।
10 करोड़ से अधिक की खरीदी में गड़बड़ी-नवाज
जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष नवाज खान ने आरोप लगाया कि समिति प्रबंधकों के जरिये भ्रष्टाचार किया गया है। इसकी उचित जांच की जानी चाहिए। उनका दावा है कि दो से तीन सोसायटी प्रबंधकों को निलंबित कर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन असलियत यह है कि सभी सहकारी समिति में खरीदी के नाम पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। उनका कहना है कि सामग्रियों की खरीदी 10 करोड़ की ज्यादा की है। इसके लिए अनुमति भी नहीं ली गई है। खान का कहना है कि यह एक गंभीर मामला है। इस मामले में कौन-कौन जिम्मेदार है, इसकी जांच की जानी चाहिए। आने वाले दिनों में और भी मामले सामने आएंगे।


