राजनांदगांव
नए साल में नांदगांव को मिलेगा नया अध्यक्ष
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 दिसंबर। भाजपा के सांगठनिक चुनाव के आखिरी दौर में जिलाध्यक्ष की कुर्सी के लिए दौड़ शुरू हो गई है। मंडल अध्यक्षों की ताजपोशी के बाद जिलाध्यक्ष को लेकर संगठन में जोड़तोड़ का सिलसिला चल रहा है। सियासी कसरत में नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा इस माह के अंत में संभव है। यानी अगले साल जनवरी में जिले को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। बीजेपी कार्यालय में संगठन चुनाव की स्थिति का जायजा लेने के लिए भूपेन्द्र सिंह सवन्नी और पर्यवेक्षक भीमसेन अग्रवाल आला नेताओं से चर्चा कर चुके हैं। दोनों प्रभारियों ने जिलाध्यक्ष को लेकर शीर्ष नेताओं से लंबी मंत्रणा की है। मंडल अध्यक्षों के चुनाव को लेकर भी सवन्नी और अग्रवाल ने जानकारी ली।
बताया जा रहा है कि प्रभारियों के समक्ष अध्यक्ष के लिए दावेदार भी सामने आ गए हैं। जिला संगठन की कमान सम्हालने के लिए कोमल सिंह राजपूत, बालचंद भंसाली, सौरभ कोठारी, दीपक चौहान का नाम प्रमुखता से सामने आया है। प्रभारियों ने उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि को जांचा-परखा भी है। बताया जा रहा है कि दावेदार अपने-अपने स्तर पर जोरदार लॉबिंग कर रहे हैं। ज्यादातर दावेदार काफी अनुभवी हैं। संगठन में कई पदों पर भी कार्य कर चुके हैं। समन्वय समिति की बैठक में दावेदारों के नाम को पटल में रखा जाएगा। इसके बाद घोषणा होगी।
बताया जा रहा है कि 27 से 30 दिसंबर के बीच नए अध्यक्ष के नाम की विधिवत रूप से घोषणा होगी। चर्चा है कि जिले के प्रमुख नेताओं से भी इस बाबत राय ली जाएगी। खासतौर पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, सांसद संतोष पांडे, अशोक शर्मा, खूबचंद पारख जैसे मुख्य नेताओं से रायशुमारी के बाद ही अध्यक्ष की घोषणा होगी।
कोमल लालबत्ती के लिए इच्छुक
जिला भाजपा अध्यक्ष के प्रबल दावेदार माने जा रहे कोमल सिंह राजपूत सत्ता में भागीदारी के लिए इच्छुक हैं। वह सरकार से लालबत्ती मिलने की उम्मीद लगाए हुए हैं। लालबत्ती की सूची में जगह नहीं मिलने पर वह वैकल्पिक रूप से जिलाध्यक्ष के पद की इच्छा रख रहे हैं। यानी वह पहले लालबत्ती की चाह पाले हुए हैं। कोमल को दोनों जगह एडजस्ट करने के लिए एक लॉबी भी भिड़ी हुई है। भाजपा का एक धड़ा उनके लिए जोर आजमाईश कर रहा है। इसके अलावा कुछ और नेता भी कोमल को एक बेहतर दावेदार के रूप में देख रहे हैं। हालांकि पार्टी के भीतर उनके विरोध में हवा चल रही है। कोमल के खिलाफ कुछ नेताओं ने मुहिम भी छेड़ रखी है। राजनीतिक रूप से जिलाध्यक्ष की कुर्सी दौड़ काफी दिलचस्प हो गई है।