राजनांदगांव

दुर्ग-राजहरा के रास्ते जंगल से गुजरते कांकेर पुलिस ने दबोचा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 दिसंबर। कांकेर पुलिस की सपड़ में आए शीर्ष माओवादी लीडर व स्टेट कमेटी मेम्बर (एसजेडसीएम) प्रभाकर राव उर्फ बालमूरी नारायण का राजनांदगांव रेंज के मोहला-मानपुर जिले में भी आपराधिक रिकार्ड दर्ज है। इस हार्डकोर नक्सली से देशभर की खुफिया एजेंसियों के पास कई सवाल है।
प्रभाकर पर 35 लाख रुपए का ईनाम घोषित था। उस पर कांकेर जिले में 80 से ज्यादा अपराध दर्ज हैं। कोरर इलाके में एक आपराधिक घटना में लिप्त होने के बाद पुलिस ने उस पर यूएपीए के तहत मामलादर्ज किया था। इसी आधार पर भानुप्रतापपुर के एडीजी दीपक गुप्ता की अदालत में प्रभाकर को पेश किया गया। पुलिस ने पूछताछ के लिए अदालत से लंबा समय मांगा था, लेकिन अदालत ने 30 दिसंबर तक आरोपी को पुलिस रिमांड में दिया है।
बताया जा रहा है कि हार्डकोर नक्सली के गिरफ्तारी से कांकेर पुलिस और अलग-बगल के जिले में पूछताछ के लिए तैयारी की जा रही है। राजनंादगांव रेंज के मोहला-मानपुर में करीबन 2008 से सक्रिय रहा है। साथ ही वह बालाघाट क्षेत्र में भी काम कर चुका है। इधर आरोपी ने गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को चकमा देने की भरपूर कोशिश की।
सूत्रों का कहना है कि प्रभाकर के पास से भारत निर्वाचन आयोग के 2 अलग-अलग नाम के परिचय पत्र भी मिले हैं। इससे पहले आरोपी दुर्ग में एक बड़े अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचा था। वापसी में उसने गुंडरदेही-बालोद-दल्लीराजहरा के रास्ते से दमकसा के जंगल होकर भैंसासूर मार्ग से अंतागढ़ का इस्तेमाल किया। इससे पहले पुलिस को हार्डकोर नक्सली को लेकर पुख्ता जानकारी मिल गई थी। मोटर साइकिल में आरोपी के साथ एक और युवक था। मौका देखकर वह फरार हो गया।
57 वर्षीय प्रभाकर इन दिनों शारीरिक रूप से अस्वस्थ भी है। वह हृदय रोग से भी पीडि़त है। साथ ही उसकी आंखे कमजोर हो गई है। इस बीच दुर्ग जैसे घनी आबादी वाले शहर में प्रभाकर की माजूदगी से पुलिस के कान खड़े हो गए हैं।
बताया जा रहा है कि प्रभाकर ने कुछ लोगों से संपर्क भी किया है। दुर्ग पुलिस पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। प्रभाकर की मोहला-मानपुर में आपराधिक रिकार्ड के आधार पर पुलिस पूछताछ की तैयारी कर रही है।