राजनांदगांव

एसडीएम और रेत ठेकदारों की सांठगांठ के लिए जांच टीम गठित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 जून। डोंगरगढ़ के मुड़पार से 800 हाईवा रेत गायब होने का मामले ने तूल पकड़ लिया है। करीब एक करोड़ रूपए कीमती रेत को मौके से हटाने के पीछे एक बड़ी साजिश की आशंका जताई जा रही है। डोंगरगढ़ एसडीएम उमेश पटेल और रेत का उठाव करने वाले ठेकेदारों की गहरी सांठगांठ की असलियत की पतासाजी के लिए कलेक्टर संजय अग्रवाल ने एक जांच टीम का गठन कर दिया है।
कलेक्टर अग्रवाल रेत गायब होने के प्रकरण से बेहद खफा है। उन्होंने एसडीएम पटेल को स्पष्टीकरण के लिए नोटिस भी दिया है।
बताया जा रहा है कि एसडीएम उमेश पटेल ने मुड़पार में रखे सैकड़ों हाईवा रेत को पहले जब्त किया। बाद में राजनांदगांव के कारोबारी प्रतीक अग्रवाल और बेलगांव के लेखराम साहू को रेत उठाव के लिए बकायदा प्रशासनिक आदेश दिया।
इस पूरे मामले में एसडीएम पटेल और ठेकेदारों के साथ मिलीभगत का आरोप लग रहा है। ठेकेदारों को भाजपा नेताओं का शह भी मिला है। बेलगांव के एक भाजपा नेता ने रेत उठाव के लिए एसडीएम को विश्वास में लेकर पूरा खेल रचा है। मामला सामने आने के बाद प्रशासन में खलबली मच गई है।
एसडीएम ने अपने अजीबोगरीब फरमान में रेत उठाव के पीछे गांव में शांतिभंग होने का हवाला दिया है। जबकि मुड़पार के ग्रामीण किसी भी तरह के तनाव से इंकार कर रहे है, वहीं ग्रामीणों की ओर से एसडीएम को शिकायत भी नहीं की गई थी।
इस बीच कलेक्टर अग्रवाल ने अपर कलेक्टर सीएल मारकंडेे को जांच समिति का मुखिया बनाया है। समिति ने जांच भी शुरू कर दी है। एसडीएम की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठ रहे है।
जब्त रेत को नियमानुसार खनिज विभाग के सुपुर्द करना था। जबकि एसडीएम ने सीधे प्रतीक अग्रवाल और लेखराम साहू को रेत उठाव के लिए अधिकृत कर दिया।
सवाल यह भी उठ रहा है कि उठाव के बाद रेत की कहां खपत हुई। बताया जा रहा है कि प्रशासन को रेत गायब होने से एक करोड़ से ज्यादा राजस्व का नुकसान हुआ है। पूरा मामला संदेहास्पद इसलिए भी है क्योंकि रेत जब्त करने के फौरन बाद ठेकेदारों को उठाव के लिए कहा गया। एसडीएम ने अपने आदेश में इस बात का जिक्र किया है कि गांव में डंप रेत के लिए किसी ने भी दावा नही किया। इसके बाद रेत उठाने के लिए दोनों ठेकेदारों को जिम्मा दिया गया। चर्चा है कि भाजपा के एक क्षेत्रीय नेता ने पूरे मामले में पर्दे के पीछे रेत गायब करने की साजिश रची।
रेत को मंहगे दाम पर खपा दिया गया है। कांग्रेेस ने इस मुद्दे को लेकर काफी हंगामा किया है। आगामी विधानसभा सत्र में इस मुद्धे को लेकर कांग्रेस सदन में आवाज उठाने की तैयारी में है। कलेक्टर से डोंगरगढ़ ब्लॉक कांग्रेस ने कलेक्टर से एसडीएम और ठेकेदारो के विरूद्ध जुर्म दर्ज करने की मांग की है।
गायब रेत पर भूपेश का ट्वीट -पहले जब्ती फिर अधिकारी ने बेचा
डोंगरगढ़ के मुड़पार में करोड़ रुपए के रेत की चोरी में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर सरकार को घेरते हुए नौकरशाही के बढ़ते प्रभाव को लेकर तंज कसा है। ट्वीट में पूर्व सीएम ने लिखा है कि पहले सैकड़ों ट्रक रेत को अवैध पाया गया। एसडीएम के आदेश पर जब्त कर लिया गया। बहुत अच्छी बात है। फिर सारी रेत गायब हो गई। आश्चर्य की बात है।
पूर्व सीएम ने लिखा कि ग्रामीणों का आरोप है कि उसी अधिकारी ने बेच दी। खनिज विभाग को पता ही नहीं। ये कौन सी बात हुई? धन्य है सांय-सांय सरकार।
गौरतलब है कि डोंगरगढ़ एसडीएम उमेश पटेल और दो ठेकदार ने 800 हाईवा रेत को अचानक मौक से हटवा दिया। इसके बाद से रेत कहां है इसकी जानकारी किसी को नही है। हालांकि राजनांदगांव कलेक्टर ने एक टीम गठित कर जांच के आदेश दिए है। कलेक्टर ने एसडीएम को नोटिस देकर जवाब भी मांगा है। लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई को नाकाफी बताकर विपक्षी कांग्रेस लगातार अफसर और ठेकेदारों पर हमलावर है।