राजनांदगांव

खनिज महकमे की जानकारी बगैर निजी हाथों को रेत उठाव के दिए थे आदेश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 20 जून। डोंगरगढ़ ब्लॉक के मुड़पार इलाके में एक गांव में सैकड़ों हाईवा जब्त रेत को एकाएक मौके से गायब कर दिया गया है। डोंगरगढ़ एसडीएम ने पहले रेत को अवैध बताकर जब्त किया, फिर उसके बाद रेत मालिकों के सामने नहीं आने पर एसडीएम ने निजी हाथों को सैकड़ों हाईवा रेत को सौंप दिया। एसडीएम के इस फरमान से प्रशासन भी हैरान है।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने लाखों रुपए के रेत को निजी हाथों में सौंपने के मामले में कड़ा रूख अख्तियार किया है। उन्होंने एसडीएम उमेश पटेल को नोटिस जारी कर पूरे मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।
कलेक्टर अग्रवाल ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि मामले की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम को नोटिस दिया गया है। स्पष्टीकरण के बाद वस्तुस्थिति साफ हो जाएगी।
बताया जा रहा है कि बिना रॉयल्टी जमा किए राजनांदगांव शहर के रहने वाले एक कारोबारी ने रेत को उठा लिया है। एसडीएम ने बकायदा आदेश जारी कर रेत के उठाव के लिए राजनांदगांव के प्रतीक अग्रवाल और बेलगांव के रहने वाले लेखराम साहू को रेत उठाव के आदेश दिए।
बताया जा रहा है कि डोंगरगढ़ ब्लॉक के मुड़पार में गर्मी के दौरान रेत डंप करने का काम किया गया था। तकरीबन 7 से 8 सौ ट्रिप हाईवा रेत डंप होने की जानकारी के बाद एसडीएम ने छापामार कार्रवाई कर रेत को पहले जब्त किया। उसके बाद रेत मालिकों की पतासाजी की गई। इस प्रशासनिक प्रक्रिया के बाद एकाएक एसडीएम ने विधिवत आदेश कर प्रतीक अग्रवाल और सत्ता से जुड़े लेखराम साहू को रेत सौंपने की जिम्मेदारी सौंप दी।
बताया जा रहा है कि एसडीएम ने रेत उठाव के दौरान दो गांव के कोटवारों को भी तैनात रखा। डोंगरगढ़ ब्लॉक में अवैध रेत को जब्त करने के बाद निजी हाथों में सौंपने के मामले को लेकर जांच की मांग उठ रही है।
सवाल यह उठ रहा है कि 7 से 8 सौ ट्रिप हाईवा रेत अचानक कहां गायब हो गई। समूचे मामले में एसडीएम ने जब्त रेत के संबंध में खनिज विभाग को भी जानकारी देना जरूरी नहीं समझा। जबकि रेत उठाव के लिए दी गई प्रतिलिपि में खनिज विभाग को विधिवत रूप से सूचित करना था। खनिज विभाग का नियम यह है कि गौण खनिजों के जब्ती से लेकर नीलामी की प्रक्रिया में विभाग को सूचित करने का प्रावधान है।
उधर चर्चा है कि सप्लायरों ने डंप रेत को बाजार में महंगे दाम पर बेच दिया है। इससे राज्य सरकार को लाखों रुपए के राजस्व से हाथ धोना पड़ गया।
रेत के मामले में प्रशासन की छवि काफी धूमिल हुई है। बताया जा रहा है कि सत्तारूढ़ भाजपा के ही कुछ नेताओं ने पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री और स्पीकर तक एसडीएम की शिकायत की है।