राजनांदगांव

नांदगांव लोस कांग्रेस में बड़े बदलाव के संकेत
13-Jun-2024 12:51 PM
नांदगांव लोस कांग्रेस में बड़े बदलाव के संकेत

पूर्व सीएम बघेल ने आभार बैठक में बदलाव की ओर किया इशारा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
राजनांदगांव, 13 जून।
लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद राजनांदगांव लोकसभा के चारों जिलों के संगठन में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। पूर्व सीएम व कांग्रेस प्रत्याशी रहे भूपेश बघेल ने हार के बाद संगठन में बदलाव की ओर इशारा किया है। उनका मानना है कि नए सिरे से संगठन में बदलाव जरूरी है। राजनांदगांव लोकसभा में कांग्रेस का प्रदर्शन  निराशाजनक रहा है। वैसे मोहला-मानपुर, खुज्जी और पंडरिया में पार्टी ने विधानसभा की तुलना में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। चारों जिलों में नए  अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति की चर्चा जोर पकड़ रही है। राजनीतिक रूप से कांग्रेस को यह हार काफी टीस देने वाली रही। 

वजह यह है कि कांग्रेस ने प्रदेश के सबसे ताकतवर और लोकप्रिय भूपेश बघेल को चुनाव मैदान में उतारा था। पूर्व सीएम की हार से पार्टी की नींव हिल गई। बुधवार को पूर्व सीएम ने संगठन के साथ बैठक कर हार की वजह को टटोला। हालांकि उन्होंने कार्यकर्ताओं के मेहनत की सराहना की, लेकिन उम्मीद से परे नतीजे आने से उन्हें व्यक्तिगत रूप से झटका लगा है।  

 बताया जा रहा है कि जिलों के भीतर नए लोगों को मौका दिए जाने की रणनीति के तहत बदलाव की संभावना बढ़ गई है। राजनांदगांव लोकसभा के चारों जिलों के मौजूदा अध्यक्षों को हटाकर नए चेहरों को सामने लाने की कसरत शुरू हो गई है। प्रदेश स्तर में भी संगठन में खाली पड़े पदों में नियुक्ति पर विचार हो रहा है। राजनांदगांव लोकसभा में ज्यादातर जिलों के अध्यक्ष काफी समय से संगठन में जमे हुए हैं। 
बताया जा रहा है कि अगले कुछ माह के भीतर होने वाले निकाय चुनावों से पहले संगठन को मजबूत करने पर आला नेता जोर दे रहे हैं। राजनंादगांव लोकसभा के जिलों का फैसला पूर्व सीएम बघेल करेंगे। कांग्रेसके भीतर चर्चा है कि समूचे लोकसभा के अधीन संगठन से जुड़े मामलों में अब पूर्व सीएम की सीधी दखल होगी। 

समीक्षा बैठक में पूर्व सीएम ने नए लोगों को जिम्मेदारी देने की बात स्पष्ट तौर पर कही है। उनका इशारा सीधे तौर पर संगठनों में आमूलचूल परिवर्तन की ओर है। कांग्रेस के कई पदाधिकारी भी संगठन में व्यापक फेरबदल के लिए रजामंद हैं। सियासी समीकरण के तहत संगठन में नए अध्यक्षों की ताजपोशी होगी। जातिगत समीकरण से ज्यादा संगठन को बेहतर तरीके से संचालित करने में दक्ष नेताओं को ही मौका मिल सकता है। 

पूर्व सीएम ने युवाओं को लेकर भी इशारा किया है। कुल मिलाकर आने वाले दिनों में राजनांदगांव लोकसभा के चारों जिलों में अध्यक्ष की कुर्सी पर नए लोग नजर आएंगे।
 


अन्य पोस्ट