राजनांदगांव

वेतन भत्ते के मद की राशि को निर्माण कार्य में खर्च करने का महापौर का आरोप, आयुक्त पर बरसे
29-May-2024 4:22 PM
वेतन भत्ते के मद की राशि को निर्माण कार्य में खर्च करने का महापौर का आरोप, आयुक्त पर बरसे

 शासन का पत्र लिखा,  जताई नाराजगी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 29 मई। राज्य में सत्ता बदलने के बाद भाजपा नेताओं ने स्थानीय नगर निगम में अपनी मनमर्जी चला रहे हैं। भाजपा नेताओं के इस रवैये के साथ आयुक्त अभिषेक गुप्ता भी साथ खड़े दिख रहे हैं। मामला नगर निगम में राज्य सरकार से मिले चुंगीपूर्ति राशि से कर्मचारियों का वेतन दिए जाने के बजाय एक भाजपा नेता को करोड़ों रुपए का ठेका देने से जुड़ा हुआ है। बिजली ठेका के नाम पर भाजपा नेता को चुंगीपूर्ति राशि से मिली रकम के तहत काम करने की मंजूरी मिल गई है।

आयुक्त का दावा है कि एमआईसी की मंजूरी के बगैर चुंगी क्षतिपूर्ति राशि से कार्य स्वीकृत किए जा सकते हैं, जबकि महापौर हेमा देशमुख ने नाराजगी जाहिर करते आयुक्त पर सत्तारूढ़ भाजपा के दबाव में काम करने और दादागिरी करने का आरोप लगाया है।

 बताया जा रहा है कि राजनांदगांव नगर निगम में कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसों की बड़ी तंगी है। प्रदेश में भाजपा सरकार के काबिज होते ही स्थानीय भाजपा नेताओं को सरकार के शह पर उपकृत करने का खेल चल रहा है।

खबर है कि भाजपा नेता ने बिजली ठेका का काम भी शुरू कर दिया है। आमतौर पर चुंगीपूर्ति राशि का उपयोग कर्मचारियों के वेतन देने में होता रहा है, लेकिन नगर निगम के इतिहास में पहली बार आयुक्त ने सीधे उक्त राशि से एक करोड़ रुपए बिजली ठेका की मंजूरी दे दी। ऐसा भी बताया जा रहा है कि जिस भाजपा नेता को एक करोड़ का ठेका दिया गया है, वह स्थानीय भाजपा कार्यालय में आला नेताओं की आवभगत के लिए मशहूर है। सत्ता बदलते ही उक्त भाजपा नेता को एक करोड़ का काम नियमों को ताक में रखकर दिया गया है।

इस संबंध में महापौर हेमा देशमुख ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि चुंगीक्षतिपूर्ति राशि की रकम को खर्च करने के लिए एमआईसी से मंजूरी जरूरी है। निगम के इतिहास में अब तक ऐसा नहीं हुअ है। आयुक्त भाजपा नेताओं को नियमों की परवाह किए बगैर करोड़ों रुपए का ठेका दे रहे हैं। जबकि यह राशि निगम के कर्मियों के वेतन के लिए है। इस बीच महापौर हेमा देशमुख ने राज्य सरकार और आयुक्त को पत्र लिखकर तत्काल कार्य को निरस्त करने की मांग की है। महापौर ने कहा कि वह इस मामले में आगे भी आवाज उठाएंगी। 

गौरतलब है कि जिस भाजपा नेता को ठेका दिया गया है, उसका निगम के एक पार्षद के साथ सांठगांठ है।  आने वाले दिनों यह एक बड़ा राजनीतिक विवाद के रूप में सामने आ सकता है।


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