राजनांदगांव
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धीरी जल योजना समूह में शामिल गांव दूषित पानी पीने मजबूर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 मई। सोमनी के धीरी इलाके के दो दर्जन गांव के बाशिंदे पेयजल में एक राइस मिल का गंदा पानी को भी जाने-अनजाने पी रहे हैं। पीएचई के पास ग्रामीणों को शुद्ध जल मुहैया कराने फिलहाल कोई स्कीम नहीं है। पीएचई के अफसर भी मान रहे हैं कि पानी में राइस मिल का दूषित जल भी शामिल हो रहा है। पेयजल में मिलावट होने से तकरीबन 24 गांव के ग्रामीणों को एक तरह से संक्रमण का खतरा दिख रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक राइस मिल का दूषित पानी शिवनाथ में जा रहा है। यहीं से राजनांदगांव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा धीरी समूह योजना के अंतर्गत तकरीबन आसपास के 24 गांव में पेयजल की आपूर्ति की जाती है। जैसे ही ग्रामीणों को दूषित पानी के मिलावट की जानकारी हुई, सभी ग्रामीण शिवना के पास पहुंचे तो देखा कि पूरे नदी में बदबूदार और गंदा पानी तैर रहा है।
ग्रामीणों ने लिखित में इसकी शिकायत दुर्ग कलेक्टर से भी की है। झोला ग्राम पंचायत दुर्ग के अधीन आता है। शिकायत के बाद प्रशासन हरकत में आया है और कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है।
जैसे ही पीएचई राजनांदगांव के अफसरों को राइस मिल का दूषित पानी शिवनाथ में मिलने की जानकारी हुई, तकरीबन सभी ग्राम पंचायतों को पीएचई ने एक पत्र लिखकर कहा है कि धीरी समूह योजनांतर्गत किए जाने वाले पेयजल का उपयोग न करें। इस पत्र ने ग्रामीण अंचल में पेयजल संकट को भी खड़ा कर दिया है।