राजनांदगांव

कमला कालेज समीप मूर्ति स्थापना मामला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 जुलाई। वार्ड क्र. 23 की पार्षद सुनीता फडऩवीस ने कमला कॉलेज के समीप आरके नगर रोड के मध्य में सुप्रीम कोर्ट के जारी दिशा-निर्देशों और नियम कानूनों का उल्लंघन करते नगर निगम द्वारा की गई मूर्ति स्थापना की उच्च स्तर पर पत्र द्वारा शिकायत कर भुगतान रोकने की बात कही है।
श्रीमती फडऩवीस ने कहा कि वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में सभी राज्यों को मूर्ति स्थापना के विषय में दिशा -निर्देश जारी किया था। जिसके अनुसार सार्वजनिक स्थानों व रोड रास्तो के मध्य मूर्ति की स्थापना नहीं की जा सकती एवं मूर्ति धातु अथवा पत्थर का होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था या निकाय द्वारा मूर्ति स्थापना हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति द्वारा स्थल का चयन किया जाता है। उसके उपरांत कलेक्टर और एसपी के सयुंक्त हस्ताक्षरयुक्त पत्र द्वारा शासन से अनुमति ली जाती है एवं अनुमति प्राप्त होंने के पश्चात ही मूर्ति की स्थापना की जाती है।
प्राप्त जानकारीनुसार नगर निगम द्वारा ऐसी किसी भी प्रक्रिया का पालन किये बिना एवं सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा निर्देश के अवहेलना कर सडक़ के मध्य में ही मूर्ति की स्थापना कर दी है।
उपरोक्त कारणों और नगर निगम की मनमानी को देखते विभागीय मंत्री शिव डहरिया से रायपुर उनके निवास पर पहुंचकर पार्षद सुनीता ने विस्तृत चर्चा कर जानकारी दी अपने वार्ड के विकास के लिए एक करोड़ से अधिक राशि की मांग की। साथ ही उन्होंने ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनादगांव प्रवास पर भेंट मुलाकात के समय ज्ञापन सौंपा था। जिसकी राशि आज पर्यंत तक नहीं पहुंची है। पार्षद ने जिलाधीश एवं आयुक्त को भी पत्र लिखकर मूर्ति स्थापना में हुए व्यय के भुगतान को रोकने कहा है।
सुनीता फडऩवीस ने कहा की मूर्ति स्थापना में नियम कानूनों का उल्लंघन और गलत स्थल चयन को देखते सभी एल्डरमेन को भी मैंने पत्र लिखकर भुगतान रोकने की बात कही है। जिससे की राशि का दुरुपयोग न हो।
श्रीमती फडऩवीस ने कहा के वे स्वयं देश के महापुरुषो की मूर्ति स्थापना की पक्षधर है, किन्तु नियम कानूनों का उल्लंघन करते गलत स्थान पर स्थापना का विरोध करती है। मध्य रोड में स्थापना करना यातायात की दृष्टि से भी उचित नहीं होता किसी वाहन के टकराने से मूर्ति के खंडित होने, अपमान होने की हमेशा संभावना बनी रहती है।