राजनांदगांव

जिले में इस साल दो लाख 81 हजार हेक्टेयर में धान बोनी का लक्ष्य
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 जून। बारिश की पहली फुहार पड़ते ही किसानों ने खेतों का रूख कर लिया है। किसानों को लंबे समय से बारिश का इंतजार था। इस साल मानसून के देरी से आने के चलते किसानों को धान की बुआई को लेकर चिंता सता रही थी। बुधवार को दोपहर बाद हुए तेज बारिश और आसमान में छाये काले बादलों को देखकर किसानों के चेहरे में रौनक दिख रही है। इधर कृषि विभाग ने जिले में 2 लाख 81 हजार हेक्टेयर में धान की बोनी का लक्ष्य रखा है। जून के महीने में बारिश नहीं होने के कारण बोनी पिछड़ गई।
बताया जा रहा है कि इस साल मानसून में तकरीबन 10 दिन की देरी हो गई है। धान का रकबा इस साल बढ़ाया गया है। 2023 में खरीफ फसल के रकबे में इजाफा किया गया है। जिले में धान को मिलाकर कुल 3 लाख 60 हजार हेक्टेयर में खरीफ की फसल की बुआई होगी। खेती-किसानी के लिहाज से कल हुई बारिश लाभदायक मानी जा रही है। किसानों को बुआई के लिए मिट्टी में पर्याप्त नमी मिल गई है। इधर किसान खेती कार्य के लिए जुट गए हैं।
भेडक़ला के रहने वाले किसान बल्देव ने बताया कि बारिश होते ही जुताई के बाद धान बीज का छिडक़ाव किया जा रहा है। उम्मीद है कि अगले एक-दो दिनों में बारिश होने से बुआई को फायदा मिलेगा। उधर भेड़ीकला के लेखराम निषाद ने कहा कि बुआई का काम किया जा रहा है। बारिश से बीज को अंकुरित होने का मौका मिलेगा। कुमारीबाई टंडन भी अब बारिश होने से अच्छी फसल की उम्मीद लेकर बुआई के काम में जुटी हुई है। बहरहाल इस साल मानसून के आने में काफी देरी हुई है। बुआई के बाद किसानों को मूसलाधार बारिश की जरूरत है। बारिश नहीं होने से बीज के खराब होने का अंदेशा रहेगा।