राजनांदगांव
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मोहला-मानपुर इलाके में चूल्हा फूंकने लगी महिलाएं
बशीर खान
मानपुर, 23 मई ('छत्तीसगढ़' संवाददाता)। मोहला-मानपुर के अंदरूनी इलाकों में उज्जवला गैस योजना से गृहणियों का मोह भंग हो गया है। इसके पीछे गैस रिफलिंग के लिए बढ़ते दाम और तय समय पर गैस सिलेंडर उपलब्ध नहीं होने को प्रमुख कारण माना जा रहा है। केंद्र सरकार की उज्जवला गैस योजना को शुरूआत में सस्ते दर पर गृहणियों को मुहैया कराया गया। घरेलू गैस की कीमतों में औसतन हर माह हो रही बढ़ोत्तरी के कारण गरीब महिलाओं का गैस से भोजन पकाने का ख्वाब चूर-चूर हो गया है।
अति पिछड़े मोहला-मानपुर के भीतरी गांव में शुरूआत में इस योजना से सैकड़ों महिलाएं जुड़ी। केंद्र सरकार की दलील में इस बात को प्रमुखता से प्रचारित किया गया कि चूल्हा फूंकने वाली महिलाओं को धुंए के झंझट से अब निजात मिलेगी। शुरूआती महीनों में योजना का महिलाओं को भरपूर फायदा मिला, लेकिन कुछ सालों में ही गैस के बढ़ते दाम के कारण निर्धन परिवारों को गैस रिफलिंग के लिए परेशानी उठानी पड़ी है।
मोहला-मानपुर के गांवों में अब महिलाएं जंगलों से सूखी लकडिय़ां लेकर घरों में चूल्हे से भोजन पका रही है। महिलाओं को यह आसान और सस्ता भी लग रहा है। मोहला-मानपुर के क्षेत्र में गैस सिलेंडर की सप्लाई भी उचित समय पर उपलब्ध नहीं होना भी महिलाओं को परेशान करने की एक वजह बनी। बताया जा रहा है कि महिलाएं अब लकड़ी से चूल्हा जलाकर अपने परंपरागत भोजन तैयार कर रही है। जंगली इलाका होने के कारण लकडिय़ों की कमी नहीं है। बताया जा रहा है कि योजना का लाभ चुनिंदा लोगों तक ही सीमित रह गया है। जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक है, वही उज्जवला गैस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
योजना के संबंध में सहायक खाद्य अधिकारी आशीष रामटेके ने 'छत्तीसगढ़' से कहा कि व्यवहारिक परेशानियों के कारण योजना का लाभ लोग नहीं उठा पा रहे हैं। बढ़ती महंगाई भी एक वजह है। गौरतलब है कि मोहला-मानपुर जिले में लगभग 30 से 40 हजार उज्जवला गैस योजना के हितग्राहियों का नाम पंजीकृत है। इस योजना का बंटाधार होने से अफसर भी चाहकर कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
मोहला-मानपुर के अलावा औंधी तथा दूसरे इलाकों में अब महिलाओं को जंगलों में लकड़ी के लिए खाक छानते देखा जा सकता है। केंद्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को बढ़ती महंगाई ने एक तरह से खत्म कर दिया है। वनांचल की महिलाओं को यह योजना अब घाटे का सौदा साबित हो रही है। मोहला-मानपुर के मुख्य मार्गों और अंदरूनी इलाकों में महिलाओं को सिर पर लकडिय़ों का ग_ा ले जाते देखा जा सकता है।