राजनांदगांव

भाजपा का चुनावी रोड मैप, बिना चेहरे के लड़ेंगे विस चुनाव, आदिवासियों से सहानुभूति बटोरने धर्मांतरण का विरोध
10-Jan-2023 12:46 PM
भाजपा का चुनावी रोड मैप, बिना चेहरे के लड़ेंगे विस चुनाव, आदिवासियों से सहानुभूति बटोरने धर्मांतरण का विरोध

दो दिनी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में आला नेताओं ने बनाई रणनीति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 जनवरी।
भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी का चुनावी रोड मैप तैयार हो गया है। बैठक में तय किए गए मुद्दों के आधार पर भाजपा चुनावी रण में उतरेगी। देश एवं राज्य के आला नेताओं की मौजूदगी में बनी चुनावी रण्नीति में एक अहम फैसले तय किया गया है कि विधानसभा चुनाव में किसी भी चेहरे को आगे नहीं किया जाएगा।

इशारा साफ है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही चुनाव में पार्टी के चेहरे होंगे। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को चेहरा बनाए जाने के विषय पर स्पष्ट रूप से संदेश दिया गया है कि चुनावी रण में फतह करने के बाद मुख्यमंत्री का नाम तय होगा। 4 साल से सत्ता से बाहर भाजपा जीत की तमाम संभावनाओं पर गहन विचार विमर्श कर रही है। इसके लिए पार्टी ने कांग्रेस सरकार की खामियों और भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाने का संकल्प लिया है। वहीं आदिवाािसयों से सहानुभूति बंटोरने के लिए भी संगठन ने धर्मांतरण को लेकर आक्रामक रूख बनाए रखने की भी रणनीति बनाई है। दो दिनी बैठक में पार्टी ने सडक़ में उतरकर प्रदेश सरकार के भ्रष्ट आचरण, झूठे वादों और अन्य मामलों को जनहित के पक्ष में उठाने पर भी मंथन किया।

भाजपा ने प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों की राजनीतिक परिस्थितियों के आधार पर भी सरकार विरोधी माहौल बनाने का निर्णय लिया है। बस्तर में धर्मांतरण के मुद्दे को हवा देने के साथ-साथ आदिवासियों के पक्ष में खड़ा होने के लिए भी पार्टी तैयार है। भाजपा पिछले चुनाव में कांग्रेस के किए गए चुनावी घोषणाओं को भी हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेगी। खासतौर पर गंगाजल लेकर शराब बंदी के लिए कसम खाने को भी भावनात्मक मुद्दा बनाएगी।

दो दिन के बैठक में आला नेताओं ने स्पष्ट तौर पर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार की नीति और नियत को जनमानस तक ले जाने के लिए एक-एक कार्यकर्ताओं को चार्ज किया है। चुनाव से पूर्व पार्टी प्रदेश में संभागवार, जिलेवार और ब्लॉकवार धरना प्रदर्शन कर लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश करेगी। पार्टी के रणनीतिकारों ने बैठक में मौजूद पदाधिकारियों को निचले स्तर में जाकर संघर्ष करने के लिए कहा। पार्टी की बैठक में बूथ लेवल में जाकर राजनीतिक गतिविधियों से अवगत और निराकरण पर काम करने को भी निर्देशित किया है।

प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, सहप्रभारी नीतिन नवीन, पूर्व सीएम रमन सिह, प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव तथा अजय जामवाल समेत पार्टी के अन्य कद्दावर नेताओं ने पीएम आवास को भी राजनीतिक शस्त्र के रूप में इस्तेमाल करने पर सहमति जाहिर की। यानी यह तय है कि प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद समूचे राज्य में धर्मांतरण, पीएम आवास, कांग्रेस के अधूरे वादे और ठप पड़े विकास कार्यों को लेकर भाजपा का रूख बेहद कड़ा होगा। तमाम मुद्दों पर पार्टी जन आंदोलन छेडक़र कांग्रेस सरकार के खिलाफ व्यापक स्तर पर प्रदर्शन करेगी।
 


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