राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 जनवरी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ की पावन धरती और प्रभु श्रीराम के ननिहाल प्रवास के दौरान पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के बिगड़े बोल को प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मधुसूदन यादव ने अतिथि सत्कार की मर्यादा के विरुद्ध एवं शिष्टाचार की सीमा का उल्लंघन बताया है।
श्री यादव ने मोहन मरकाम के बयान को आड़े हाथों लेते कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह अपना कार्य भली-भांति कर रहे हैं और उन्होंने सौ सुनार की और एक लोहार की, मुहावरे को चरितार्थ करते कश्मीर से धारा 370 को हटाकर एक झटके में दशकों पुरानी कश्मीर समस्या का सटीक समाधान कर दिया, जिसे विपक्ष पचा नहीं पा रहा है। श्री यादव ने मरकाम के बयान पर पलटवार करते कहा कि केंद्र शासन तो पूरे देश की जनता के हित में विभिन्न योजनाएं चला रही है, किंतु इनका अपने राज्यों में सफल क्रियान्वयन मुख्यत: राज्य शासन के ऊपर ही निर्भर करता है। जिसमें छत्तीसगढ़ की कांग्रेस नीत भूपेश सरकार पूरी तरह विफल रही है ।
यही कारण है कि छत्तीसगढ़ राज्य की जनता को केंद्र शासन की योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। धान खरीदी के कस्टम मिलिंग एवं परिवहन का पाई पाई पैसा केंद्र शासन द्वारा दिया जाता है। किसानों के बोनस की राशि भी केंद्र शासन एक साथ देती है, किन्तु न्याय योजना की आड़ में भूपेश सरकार एहसान जता जताकर और हमारे अन्नदाताओं को रुला-रुलाकर चार किस्तों में उस राशि को उनके खातों में देती है।
श्री यादव ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि मरकाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से प्रश्न पूछने से पहले यह बताएं कि भूपेश सरकार के वादे कब पूरे होंगे। हाथ में गंगाजल लेकर झूठ बोलने वाली और घोषणा पत्र के रूप में झूठ का पुलिंदा छत्तीसगढ़ की भोली-भाली जनता को पकड़ाकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार अपने घोषणा पत्र में किए गए वादों को कब पूरा करेगी? अपने घोषणा पत्र में शामिल बिजली बिल हाफ की आड़ में सबसे महंगी बिजली बेचने वाली यह कांग्रेस सरकार, शराबबंदी, बेरोजगारी भत्ता, अनियमित एवं संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण जैसे जनता के हित से जुड़े मुद्दे भुला बैठी है।
श्री यादव ने आरोप लगाया कि फिलहाल तो राज्य सरकार प्रदेश में बढ़ती अपराधिक वारदातों, नशाखोरी की प्रवृत्ति, अवैध शराब बिक्री, जुआ-सट्टा कारोबार, भ्रष्टाचार, धर्मांतरण, आरक्षण आदि विषयों से ही चौतरफा घिरी हुई दिखाई दे रही है। उन्होंने पीसीसी चीफ मोहन मरकाम से इन विषयों का संज्ञान लेकर त्वरित निराकरण करने का आग्रह किया है, ताकि उन्हें बार-बार जनता के सामने केंद्र शासन से फंड की कमी का रोना रोकर कांग्रेस सरकार की विफलता को छिपाना और अपूर्ण घोषणाओं के लिए शर्मिंदा ना होना पड़े।