राजनांदगांव
टुकड़ों में कराई रजिस्ट्री, अफसर-दलालों की मिलीभगत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 दिसंबर । रायपुर-हैदराबाद एक्सप्रेस हाईवे के प्रभावित गांवों के जमीनों को भू-माफियाओं ने अफसरों की सांठगांठ के दम पर एक ओर सस्ते दाम में खरीद लिया। वहीं जमीनों की टुकड़ों में रजिस्ट्री कराने की साजिश की। इसके पीछे भू-माफिया केंद्र सरकार से मिलने वाले मुआवजे के लालच में किसानों से जमीनों की खरीदी कर ली।
इस मामले को लेकर शहर कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवं पूर्व पार्षद हेमंत ओस्तवाल ने एक पत्र के जरिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं कलेक्टर से मांग करते राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भारतमाला परियोजना के अंतर्गत प्रतिबंध से पूर्व जमीन खरीदने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं उन्होंने किसानों को पूरा मुआवजा दिए जाने की भी मांग की है। रायपुर से हैदराबाद के मध्य फोरलेन एक्सप्रेस हाईवे निर्माण प्रस्तावित है। राजनांदगांव जिले के अंतर्गत 50 गांव इस परियोजना से प्रभावित हो रहे हैं। किसान आदिवासियों की जमीन का भू-अर्जन भी प्रस्तावित है। भू-माफियाओं को भनक लगते ही जमीन खरीदी का खेल शुरू हो गया। इस मामले में प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध है।
एनएचआई ने प्रशासन से तत्काल प्रभावित क्षेत्रों में जमीन खरीदी-बिक्री पर रोक लगाने की मांग की थी। कलेक्टर के आदेश में देरी का फायदा भू-माफियाओं ने उठा लिया। 45 दिन पूर्व राजमार्ग के अंतर्गत आने वाली जमीनों की रजिस्ट्री को निरस्त करने की मांग भी शिकायतकर्ता ने की है। बताया जा रहा है कि किसानों को पुश्तैनी जमीनों के एवज में बड़ा मुआवजा मिलना तय है। इससे भू-माफियाओं ने कमाई का मौका मानते हुए सस्ते में खरीदी-बिक्री कर ली। भू-माफियाओं द्वारा अलग-अलग नामों से रजिस्ट्री कराई गई है। इससे राज्य सरकार को बड़ा नुकसान होगा।
बैकडेट पर प्रमाणीकरण की आशंका - ओस्तवाल
श्री ओस्तवाल ने कलेक्टर से मांग करते कहा कि प्रमाणीकरण पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए एवं सरपंच-सचिव, हल्का पटवारी तथा संबंधित तहसीलदार को ऐसे प्रकरणों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाए। ओस्तवाल ने आशंका जताई कि भू-माफियाओं को लाभान्वित करने के लिए बैकडेट पर प्रमाणीकरण किया जा सकता है। ऐसे में कलेक्टर को स्वयं निगरानी करनी चाहिए।


