राजनांदगांव

देखें VIDEO'S : एसडीएम-सीईओ को बंधक बनाया, कलेक्टर ने मांगी रिपोर्ट
20-Oct-2022 12:12 PM
देखें VIDEO'S : एसडीएम-सीईओ को बंधक बनाया, कलेक्टर ने मांगी रिपोर्ट

  छुरिया में घंटेभर सरपंचों के कब्जे में रहे अफसर   
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 20 अक्टूबर।
मनरेगा के तहत पंचायतों में किए गए कार्यों के एवज में भुगतान नहीं मिलने से नाराज सरपंचों द्वारा डोंगरगांव एसडीएम सुनील नायक और जनपद सीईओ तरूण देशमुख को कथित रूप से बंधक बनाए जाने के मामले में प्रशासन बड़ी कार्रवाई कर सकता है। कलेक्टर डोमन सिंह ने दोनों अफसरों को करीब घंटेभर बंधक बनाए रखने के मामले में रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद प्रशासनिक स्तर पर कड़ी कार्रवाई करने के संकेत मिल रहे हैं।

बताया जा रहा है कि छुरिया ब्लॉक के तीन दर्जन सरपंचों ने मनरेगा का बकाया का भुगतान की मांग को लेकर एसडीएम और जनपद सीईओ के सामने नारेबाजी शुरू कर दी। थोड़ी देर बाद स्थिति उस वक्त असहज हो गई, जब सरपंचों ने दोनों अफसरों को जनपद कार्यालय के मुख्य गेट में ताला लगाकर कथित रूप से बंधक बना लिया। चैनल गेट के पीछे खड़े अफसरों ने सरपंचों को ऐसे कृत्य नहीं करने की समझाईश दी, लेकिन आर्थिक संकट का सामना कर रहे सरपंचों ने उनकी नहीं सुनी। इस दौरान सरपंच बारी-बारी अफसरों को अपनी व्यथा सुनाते रहे। जिसमें ज्यादातर सरपंचों ने उधार और कर्ज लेकर काम करने पर खुद को मुसीबत में डालने की जानकारी दी। सरपंचों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर यदि भुगतान के लिए राशि नहीं है तो अफसरों को मंत्रालय और अन्य जिम्मेदार अफसरों तक जाना चाहिए।

बताया जा रहा है कि अघोषित रूप से दोनों अधिकारी करीब एक घंटे तक सरपंचों के कब्जे में रहे। जनपद के जरिये छुरिया पंचायत में मनरेगा के तहत कई कार्य किए जा रहे हैं। जिसमें कार्य पूर्ण होने के बावजूद भुगतान नहंी किया जा रहा है। बाजार का कर्ज बढऩे से नाराज सरपंचों ने अफसरों को अपने कब्जे में रखा। उधर कलेक्टर ने घटना को लेकर कड़ी कार्रवाई करने का संकेत दिया है।

इस संंबंध में ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते बताया कि मामले की विस्तृत जानकारी मंगाई जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि सरपंचों पर दिवाली पूर्व मजदूरों को भुगतान करने का दबाव है। जिसके चलते पंचायतों में सरपंचों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। सरपंचों के तर्कों का मजदूरों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। यही कारण है कि सरपंचों ने अफसरों को ताला लगाकर अपना कड़ा विरोध जताया है।

 


 


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