राजनांदगांव

स्वस्थ, सुपोषित महिला एवं बच्चों के बिना विकसित समाज की कल्पना करना संभव नहीं
14-Oct-2022 2:47 PM
स्वस्थ, सुपोषित महिला एवं बच्चों के बिना विकसित समाज की कल्पना करना संभव नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 14 अक्टूबर।
कलेक्टर डोमन सिंह ने गुरुवार को महिला बाल विकास की बैठक लेकर विभाग में किए जा रहे कार्यों की गहन समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर ने पर्यवेक्षकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग का कार्य संवेदनशीलता और गंभीरतापूर्वक करें। उन्होंने कहा कि विभाग में पदस्थ अधिकारियों से लेकर कार्यकर्ता और सहायिकाओं की जवाबदारी है कि पूर्ण जवाबदारी पूर्वक कार्य करते महिला एवं बच्चों के स्वास्थ्य और कुपोषण मुक्ति की दिशा में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि सार्थक प्रयास और गंभीरता से कार्य किए बिना हम कुपोषण के अभिशाप से मुक्ति नहीं दिला सकते। उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्वस्थ्य किये बिना स्वस्थ्य शिशु और स्वस्थ्य समाज की स्थापना नहीं हो सकती। इसके लिए यह जरूरी है कि गर्भवती माता को लक्ष्य रखते उन्हें सुपोषण आहार प्रदाय करने के साथ ही बारीकी से उनके स्वास्थ्य पर भी नजर बनाए रखें। कलेक्टर ने कहा कि स्वस्थ, सुपोषित महिला एवं बच्चों के बिना विकसित समाज की कल्पना करना संभव नहीं है। इसके लिए कलेक्टर ने जिले में चलाए जा रहे कार्य योजना के अनुसार एनीमिक महिला, एनीमिक किशोरी बालिका, गंभीर कुपोषित बच्चे एवं मध्यम कुपोषित बच्चे की जानकारी लेकर इन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थय और सुपोषित बनाने के निर्देश दिए।

बैठक में उन्होंने विकासखंडवार उनके यहां एनीमिक महिला, एनिमीक किशोरी बालिका, गंभीर कुपोषित एवं मध्यम कुपोषित बच्चे की संख्यात्मक जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि इन्हें नियमित रूप से पोषण युक्त भोजन का वितरण करें। बीच-बीच में नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था सुनिश्चित करते रहें।

पर्यवेक्षकों ने बताया कि जिले में कुपोषण मुक्ति की दिशा में सार्थक प्रयास जारी है। वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्रों में शासन द्वारा प्रदान किए जाने वाले पोषण आहार का वितरण सप्ताह में 6 दिन किया जा रहा है। साथ ही जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए डीएमएफ फंड से सप्ताह में 3 दिन पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। इस तरह से गंभीर कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में सप्ताह में 6 दिन व डीएमएफ से 3 दिन दोनों टाइम पोषणयुक्त आहार प्रदाय किया जा रहा है।

बैठक में कलेक्टर ने जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के रिक्त पदों की जानकारी ली। छुरिया जनपद पंचायत के सरपंचों द्वारा समाजिक सहभागिता व बच्चों की आवश्यकता को ध्यान में रखते अपना योगदान देते हुए सरपंचों के द्वारा अपने-अपने ग्राम पंचायतों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में दरी की व्यवस्था की गई है। कलेक्टर ने कहा कि पर्यवेक्षक नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षकों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित भ्रमण नहीं किया जा रहा है, इससे उत्पन्न स्थिति को ध्यान में रखते उन्होंने अनिवार्य रूप से अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण और संचालन जवाबदारी पूर्वक करने कहा है। कलेक्टर ने कहा कि विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी समर्पित भाव से शासन की जिम्मेदारी का निर्वहन करें। बैठक में कलेक्टर ने जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र की जानकारी लेकर नवीन आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण के लिए प्रस्ताव प्रेषित करने कहा है। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में एक मेडिकल किट की व्यवस्था रखें, जिससे जरूरत के अनुरूप बच्चों के लिए उपयोग में लाया जा सके। उन्होंने सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने कहा है। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र परिसर के साथ ही केंद्र की साफ-सफाई नियमित रूप से होनी चाहिए। उन्होंने पुराने और कंडम सामानों को हटाने के की बात भी कही है। बैठक में कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए किए गए खर्चो के भुगतान के लिए प्रस्ताव भेजे जाने कहा है।
 


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