राजनांदगांव
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दर्जनभर हिंसक घटनाओं में रहे शामिल
'छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 सितंबर। छत्तीसगढ़ की एक महिला नक्सली ने अपने एक नक्सल साथी के संग गढ़चिरौली पुलिस के समक्ष आत्मसर्पण किया है। डीआईजी संदीप पाटिल और एसपी अंकित गोयल गढ़चिरौली के अंदरूनी इलाकों में सक्रिय नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए जोर लगा रहे हैं। नतीजतन आत्मसर्पण के प्रति नक्सलियों का रूझान बढ़ा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर की रहने वाली रौशनी उर्फ इरपे नरंगो पल्लो और अनिल उर्फ रामसाय जगदेव ने हथियार छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की है। दोनों पर कई आपराधिक मामलों में नामजद रिपोर्ट है। अनिल पर 2011 में खोब्रामेढा जंगल में घात लगाकर हमला करने का आरोप है। इस घटना में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद और 5 जख्मी हुए थे। इसी तरह अनिल ने एक और मुठभेड़ में घात लगाकर अपने नक्सल साथियों के साथ हमला कर सीआरपीएफ के 5 जवानों को घायल कर दिया था। अनिल 2009 में कसनसूर दलम में बतौर सदस्य शामिल हुआ था। 2010 से 2012 तक काम करने के बाद वह 2012 से 2022 तक घर में रहकर नक्सलियों के लिए काम कर रहा था। इधर रौशनी उर्फ इरपे 2009 में नक्सल दलम में शामिल हुई। उसके बाद से वह लगातार आधा दर्जन मुठभेड़ों में शामिल थी। उस पर 3 लोगों की हत्या का भी आरोप है। इस तरह दोनों ने नक्सल संगठन में रहते काफी हिंसक रवैया अपनाए रखा। आखिरकार दोनों ने हथियार छोडऩे का निर्णय लिया। एसपी ने दोनों को गुलदस्ता भेंटकर मुख्यधारा में लौटने पर स्वागत किया। यहां यह बता दें कि 2019 से 2022 में अब तक 51 नक्सलियों ने गढ़चिरौली पुलिस के सामने हथियार डाले हैं। पुलिस लगातार नक्सलियों को बेहतर जीवन देने की दिशा में अहम कार्य कर रही है।