राजनांदगांव

शहर और बाहरी रास्ते हुए जर्जर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 सितंबर। शहर के अंदरूनी और बाहरी मार्गों का मौजूदा स्वरूप बेहद खतरनाक हो गया है। बारिश के कारण सडक़ें जानलेवा साबित हो रही है। बड़े गड्ढों में तब्दील होने से सडक़ों में आवाजाही के दौरान लोगों की दिक्कतें बढ़ी है। आम रास्तों की हालत देखकर शहर के बाहरी रास्तों की खस्ताहाल का अंदाजा लगाया जा सकता है।
राजनांदगांव शहर के व्यापारिक मार्ग पूरी तरह से उबडख़ाबड़ हो गए हैं। ज्यादातर रास्तों का मरम्मत लंबे समय से नहीं हुआ है। वहीं डामरीकरण के अभाव में पुरानी सडक़ें दम तोड़ रही है। शहर के अंदर के रास्तों में आम तौर पर सामान्य आवाजाही होती रही है, लेकिन पिछले कुछ सालों से डामर की नई परतें नहीं चढऩे से रास्तों का रूप बिगड़ गया है। जिला अस्पताल जाने वाला मार्ग खस्ता हो गया है। कुछ साल पहले हुआ डामरीकरण टिक नहीं पाया। जिसके चलते सागरपारा से होकर जिला अस्पताल पहुंचना दूभर हो गया है।
इसी तरह गौरवपथ की हालत भी जर्जर है। कांक्रीट निर्मित इस मार्ग की गुणवत्ता को लेकर पहले भी नगर निगम के अफसर कटघरे में रहे हैं। गौरवपथ का पूरे रास्ते में जगह-जगह गड्ढे बन आए हैं। वीआईपी रोड की भी स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। अग्रवाल ट्रांसपोर्ट चौक से गंज चौक होते हुए नंदई होकर बसंतपुर के रास्ते भदौरिया चौक तक निर्मित यह सडक़ में गड्ढों की भरमार है। मरम्मत के नाम पर सिर्फ पेंचवर्क किए जा रहे हैं, लेकिन सुगम रास्ते से सफर करने की ख्वाहिश लोगों की अधूरी रह गई है।
शहर के नंदई चौक से सराफा बाजार को जोडऩे वाली सडक़ भी बदहाल हो चुकी है। नंदई-मोहारा मार्ग के रास्ते की आवाजाही लोगों की तकलीफ बढ़ा रही है। बहरहाल अधिकांश रास्ते खराब हो रहे हैं। ऐसे में खराब सडक़ों से शहर की खूबसूरती पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।