राजनांदगांव

15 मई से 3 जून के बीच हर दिन 3 हुए जख्मी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 जून। जिले में पिछले कुछ दिनों से सडक़ हादसे में एकाएक बढ़ोत्तरी होने से लोगों की जान पर बात आ गई है। यातायात विभाग की कोशिशों के बाद भी हादसों का सिलसिला थम नहीं रहा है। खासतौर पर 15 मई से 3 जून के मध्य जिलेभर के मुख्य रास्तों में तेज रफ्तार ने लोगों की जान ले ली है। वहीं घायलों की तादाद भी देखकर भीषण सडक़ दुर्घटना से लोग खौफजदा हो गए हैं।
यातायात विभाग ने जिलेभर में चार और दुपहिया वाहनों की रफ्तार कम करने के लिए पूरा जोर लगाया है। बताया जाता है कि ज्यादातर हादसे शाम के वक्त हुए है। वही मोटरसाईकिल में तय क्षमता से अधिक सवारी भी सडक़ हादसे की एक प्रमुख वजह भी बनी है। शाम के दौरान मोटरसाईकिल सवारों के शराब में धुत्त होने के कारण हादसों की संख्या में वृद्धि हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार 15 मई और 3 जून के बीच कुल 41 सडक़ दुर्घटना में 21 लोगों ने अपनी जान गंवाई। हादसों में मारे गए लोगों में उम्रदराज और युवा शामिल है। पखवाड़ेभर के भीतर हर दिन एक व्यक्ति की जान चली गई। यातायात अमले के पास हादसों में जान गंवाने वालों के संबंध में कई वजह भी है। लेकिन अधिकांश की तेज रफ्तार और नशे में वाहन चलाना भी मौत का कारण बना। इधर हादसों में जख्मी लोगों में कुछ गंभीर हालत में अब भी अस्पतालों में उपचारार्थ दाखिल हैं। इस अवधि में 55 लोगों को हादसे में शारीरिक चोट का सामना करना पड़ा है।
बताया जाता है कि इसमें कुछ को आजीवन शारीरिक समस्या से जूझना पड़ेगा। मौत के आंकड़ों के साथ जख्मी राहगीरों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। पखवाड़ेभर में औसतन 3 हादसे में बुरी तरह से घायल हुए हैं। इस बीच नेशनल हाईवे के अलावा कुछ प्रमुख मार्ग डोंगरगांव-मोहला, चिचोला-डोंगरगढ़, चिचोला-छुरिया, राजनांदगांव-खैरागढ़ और साल्हेवारा जैसे मुख्य मार्गो में हादसे बढ़ गए है। शहरी रास्तो में भी दुर्घटना में गिरावट नहीं आने से यातायात अमले के लिए परेशानी बढ़ गई है।