राजनांदगांव

पीएम के नाम जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
राजनांदगांव, 31 मई। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने मंगलवार को जिला प्रशासन को प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी के नाम ज्ञापन सौंपकर देश के किसानों, युवाओं व मजदूरों के हितों पर कुठाराघात नीति को समाप्त कर जनहितैषी नीति लागू की मांगों को पूरा करने की मांग रखी। ज्ञापन सौंपने के दौरान रूपेश दुबे, सूर्यकांत जैन समेत अन्य शामिल थे।
महामंत्री शाहिद भाई ने प्रधानमंत्री के नाम जिला प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में कहा कि देश के प्रधानमंत्री के रूप में आपके 8 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात भी आपके नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने की बात कही थी, जिस पर आज तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। जिससे किसानों का कृषि के प्रति रूचि भी प्रभावित हो रही है। किसानों की आय को दुगुनी करने की कार्ययोजना को सार्वजनिक कर योजना अविलंब लागू करें।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा लागू की गई रोजगार मूलक योजना मनरेगा जिसके अंतर्गत छग राज्य के मनरेगा में मटेरियल के 300 करोड़ एवं राजनांदगांव जिले के 18 करोड़ की राशि एवं मजदूरी के 145 करोड़ की राशि का भुगतान केन्द्र सरकार ने 8 माह से नहीं किया है। जिसके कारण रोजगार मूलक कार्यों के साथ-साथ विकास के कार्यों में भी बाधा उत्पन्न हो रही है। मनरेगा के अन्तर्गत मटेरियल एवं मजदूरी की बकाया राशि अविलंब प्रदान कराएं। देश में बेरोजगारी दर तीव्र गति से बढ़ रही है देश में लगभग 48 करोड़ युवावर्ग बेरोजगार हैं। जबकि 42 लाख सरकारी नौकरियों के पद रिक्त हैं, उसके पश्चात भी केन्द्र सरकार द्वारा रिक्त पदों पर भर्ती न किया जाना युवाओं के साथ अन्याय है। रिक्त सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द प्रारंभ कर देश के युवाओं को बेरोजगारी के निराशा रूपी अंधकार से बाहर निकालने हेतु कार्य योजना जल्द लागू करने का कष्ट करें। रेल्वे के निजीकरण के पश्चात आम जनता को जहां आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं रेलवे के गैर संरक्षा श्रेणी के 91 हजार 629 पद समाप्त करने की केन्द्र सरकार की नीति रोजगार की संभावनाओं पर चोट है। रेल्वे के उक्त पदों को समाप्त न कर युवाओं को रोजगार प्रदान करने की कार्रवाई की मांग की।
इसके अलावा कृषकों को समय पर उनके मांग अनुरूप रासायनिक खाद केन्द्र सरकार की भेदभाव नीति के कारण उपलब्ध नहीं हो पाती है और रासायनिक खादों के दामों में बेतहाशा वृद्धि होना ऊपर से उसमें जीएसटी लगाना किसानों को खाद के संकट के साथ-साथ मंहगाई की मार देने वाली दोहरी नीति से बाहर निकलकर छग राज्य के किसानों को राज्य सरकार के मांग अनुरूप समय पर खाद उपलब्ध कराने का कष्ट करें। कृषि यंत्रों पर भी जीएसटी लगने से उन्नत तकनीक, आधुनिक कृषि कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। कृषि यंत्रों से जीएसटी हटाकर कृषकों को डीजल-पेट्रोल में सब्सीडी भी प्रदान किया जाए। उन्होंने कृषकों, युवाओं और मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए उपरोक्त मांगों को अविलंब पूर्ण करने की मांग की।