राजनांदगांव

हिट एंड रन के तहत पीडब्ल्यूडी एसडीओ पर कार्रवाई के लिए सिंधी समाज आया सामने
28-May-2022 5:28 PM
हिट एंड रन के तहत पीडब्ल्यूडी एसडीओ पर कार्रवाई के लिए सिंधी समाज आया सामने

चिखली पुलिस चौकी प्रभारी पर भी उठाए सवाल, पद से हटाने मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
राजनांदगांव, 28 मई।
शहर के यश चौथवानी की सडक़ हादसे में हुई मौत के मामला तूल पकड़ रहा है।  पीडब्ल्यूडी के एसडीओ एचएस दीवान पर मामूली धाराओं के तहत कार्रवाई किए जाने से सिंधी समाज भडक़ गया है। शनिवार को समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने एसडीओ के अलावा पुलिस महकमे की कार्रवाई को लेकर सवालिया निशान लगाया है। समाज ने एसडीओ पर हिट एंड रन के धाराओं के आधार पर फौरन गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग की है।

समाज ने एसडीओ को कथित रूप से बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाते चिखली पुलिस चौकी शक्ति सिंह को भी पद से हटाने और विभागीय जांच की मांग की है। यश चौथवानी की मौत के लिए समाज एसडीओ को सीधे जिम्मेदार मान रहा है। समाज का कहना है कि एसडीओ ने लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते यश चौथवानी को रौंद दिया और हादसे के बाद फरार हो गया। यश चौथवानी के पिता अनिल चौथवानी ने सामाजिक प्रमुखों के साथ प्रेस से चर्चा करते आरोप लगाया कि किसी भी तरह से एसडीओ ने मानवता का परिचय नहीं दिया। हादसे के बाद यदि यश चौथवानी को घायल हालत में अस्पताल पहुंचाया जाता तो शायद वह जीवित रहता।

समाज ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते कहा कि एसडीओ को गिरफ्तार करने के बजाय चिखली चौकी प्रभारी शक्ति सिंह ने स्वांग रचकर मामले में बचाने की कोशिश की है। इससे साफ होता है कि पुलिस का ध्यान मृतक के बजाय आपसी संबंधों को निभाने पर रहा। समाज के प्रमुखों ने कहा कि यश चौथवानी के मौत से शहर आहत है। पुलिस ने ईमानदारी से कार्रवाई नहीं की है, सिर्फ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर खानापूर्ति करने का प्रयास किया है। समाज ने धारा 304-ए के बजाय धारा 304 के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं पुलिस की भूमिका की भी जांच पर जोर दिया है।

पिता ने कहा वीडियो बनाना छोड़ घायलों की मदद ज्यादा जरूरी
यश चौथवानी के पिता अनिल चौथवानी ने शहर के लोगों से मार्मिक अपील करते कहा कि सडक़ हादसों में वीडियो बनाने का बढ़ता चलन लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ जैसा है। उन्होंने कहा कि किसी भी सडक़ हादसे अथवा घटना में घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था पर लोगों का ध्यान होना चाहिए। यह वक्त जख्मी लोगों के लिए जीवन-मरण जैसा होता है। उन्होंने कहा कि घायलों को मदद पहुंचाने के लिए तुरंत एम्बुलेंस से संपर्क करने से किसी की जान बच सकती है। उन्होंने कहा कि मानवीय दृष्टिकोण से ऐसे घटनाओं में वीडियो बनाकर वक्त जाया करना उचित नहीं है।
 


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