राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 अक्टूबर। शासकीय कमलादेवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिन्दी विभाग में हिन्दी पखवाड़ा मनाया गया।
इस अवसर पर हिन्दी दिवस विचार संगोष्ठी की अध्यक्षता करते प्राचार्य डॉ. सुमन सिंह बघेल ने कहा कि भाषा के माध्यम से हम अपने भावों और विचारों को दूसरों तक पहुंचाते हैं। हिन्दी हमारी राजकाज की भाषा है। हिन्दी आम आदमी की भाषा के रूप में देश की एकता का सूत्र हिन्दी जन आंदोलन की भाषा रही है। हिन्दी के महत्व को गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर ने बहुत ही सुंदर रूप में प्रस्तुत किया है। भारतीय भाषाएं नदियां हैं और हिन्दी महानदी, आज वैश्वीकरण के दौर में हिन्दी विश्व स्तर पर प्रभावशाली भाषा के रूप में उभरी है।
प्राध्यापक कृष्णकुमार दिवेद्वी ने कहा कि वर्तमान समय में हिन्दी विश्व बाजार में विज्ञान की भाषा बनकर विश्व में तीसरे क्रम में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोले जाने वाली लोक प्रिय भाषा है। डॉ. बृजबाला उईके ने कार्यक्रम का संचालन करते कहा कि हिन्दी की उपयोगिता एवं महत्व को समझते हमारे संविधान निर्माताओं ने 14 सितंबर 1949 को हिन्दी को भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकर किया था। गीता, सीता, शीला, रमशीला, भारती, कविता, कामिनी, दुर्गा, आरती, भारती, हासमी बीए भाग तीन आदि छात्राओं ने हिन्दी संगोष्ठी में अपना भाषण एवं गीत प्रस्तुत किए।
डॉ. हरप्रीत कौर गरचा, आबेदा बेगम एवं डॉ. निवेदिता ए. लाल एवं डॉ. जीपी रात्रे विशेष रूप से उस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन डॉ. बृजबाला उईके ने किया।