रायपुर

सुखी, प्रगतिशील जीवन जीने की कला
10-Feb-2021 5:51 PM
 सुखी, प्रगतिशील जीवन जीने की कला

जहां सच से काम चल जाये, वहां झूठ नहीं बोलना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
 रायपुर, 10 फरवरी।
जैन सकल मानस भवन नया रायपुर में 16 फरवरी से 19 फरवरी तक जैन समाज का मर्यादा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जहां 13पंतो के साधुओं का 14 फरवरी से 22 फरवरी तक मानस भवन में आगमन होगा जैन समाज का मर्यादा महोत्सव के दौरान जीवन में सावक के 12 व्रतों से जीवन का सार है 

जीवन में सत्य (सच) का बहुत महत्व है। हम उन्हीं व्यक्तियों को पसंद करते हैं जो सदैव सत्य बोलते हैं। झूठे और मक्कार लोगों को कोई पसंद नहीं करता है। किसी बात पर विवाद होने पर अदालत में जज भी यही पूछता है कि – सत्य क्या है? इस तरह हमारे जीवन में इसका बहुत अधिक महत्व है।

सत्याणुव्रत -जो स्वयं झूठ नहीं बोलता और ना दुसरो से बुलवाता है, तथा ऐसा सत्य भी नहीं बोलता जीससे कोई विपत्ति में आ जाए।
कोरे कागज पर साइन करवाना, झूठे लेख लिखना, नकली दस्तावेज बनाना, झूठी गवाही देना, जाली मुहर लगाना और दूसरों की धरोहर हड़प लेना, ये सभी झूठ को बढ़ावा देते वाली आदते है ।यही नहीं किसी को बाते करता सुन, दुसरो कि गुप्त बातों को उजागर कर देना या फिर किसी के साथ गली-गलौच करना या चुगलखोरी करना ये सब सत्य पर पर्दा डालने जैसा है।

उदाहरण - जिनदेव और धनदेव दो व्यापारियों ने यह निर्णय किया कि परदेश में धन कमाकर पुन: आधा-आधा बांट लेंगे। बाद में अधिक धन देखकर जिनदेव झूठ बोल गया। तब राजा ने न्याय करके सत्यवादी धनदेव को सारी सम्पत्ति दे दी और सभा में उसका सम्मान किया तथा जिनदेव को अपमानित करके देश से निकाल दिया। इसलिए हमेशा सत्य बोलना चाहिए।

कहते है ना आदमी एक झूठ को छिपाने क लिए 100 झूठ और बोलता है। इसिलए हमे झूठ को त्याग कर, सच का हाथ पकड़ आगे जीवन जीना है। 
सच का रास्ता भले ही कठिन हो लेकिन यही सही है और इस पर चल कर ही मोक्ष को पाया जा सकता है।
 


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