रायपुर

प्रदेश के 97 निकायों में ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य, अभी 45 में ही लागू
08-Nov-2025 9:15 PM
प्रदेश के 97 निकायों में ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य, अभी 45 में ही लागू

अधिसूचना जारी, गुमास्ता लाइसेंस के साथ लेना होगा 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 8 नवंबर। नगरीय प्रशासन विभाग ने प्रदेश के 142 निकायों में ट्रेंड लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए नियम, आवेदन प्रक्रिया और लाइसेंस की फीस तय कर दिया है। पूरी प्रक्रिया को राजपत्र में प्रकाशित करने के साथ ही लागू कर दिया है। यह नियम 1956 के बाद संशोधित किए गए हैं। इसके तहत केवल 45 निकायों में ही यह लाइसेंस लिए और दिए जा रहे थे।

अब तक कारोबारी श्रम विभाग से दिए जाने वाले गुमास्ता लाइसेंस लेकर अपना काम चलाते रहे हैं। अब उन्हें गुमास्ता के साथ यह  ट्रेड लाइसेंस भी लेना होगा। जिन्होंने अब तक नहीं लिया उन्हें भी दोनों लेना होगा।

इसमें गुमटी, कच्ची दुकान से लेकर बड़े बड़े शो रूम के लिए भी लाइसेंस अनिवार्य होगा।

 शुक्रवार को राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों में गुमटी, ठेले और वाहनों के माध्यम से व्यापार करने वालों को भी लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।

नियमों का पालन न करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है। आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर अनुज्ञप्ति प्रदान की जाएगी, 15 दिनों के भीतर निर्णय नहीं लिए जाने पर अनुज्ञप्ति प्रदान की गई समझी जाएगी।जिन व्यापारियों के पास पहले से अनुज्ञप्ति नहीं है, वे 60 दिनों के भीतर आवेदन कर सकेंगे। भवन और खुले स्थानों को नगरीय निकाय द्वारा उस सडक़ की चौड़ाई या स्थान के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा, जहां व्यापारिक परिसर स्थित है। नगर निगम क्षेत्रों में 7.5 मीटर से कम सडक़ चौड़ाई पर न्यूनतम वार्षिक शुल्क 4 रुपए प्रति वर्गफुट, नगरपालिका में 3 रुपए और नगर पंचायत में 2 रुपए प्रति वर्गफुट तय किया गया है। प्रत्येक अनुज्ञप्ति अधिकतम 10 वर्ष के लिए मान्य होगी, जिसकी अवधि आवेदक स्वयं चुन सकता है।

अनुज्ञप्ति (लाइसेंस)की समाप्ति से कम से कम एक वर्ष पहले नवीनीकरण कराना होगा। निर्धारित अवधि में नवीनीकरण न होने पर अनुज्ञप्ति रद्द कर व्यापार परिसर को सील किया जा सकेगा।

केंद्र व राज्य शासन, जिला प्रशासन और नगरपालिका द्वारा समय-समय पर जारी आदेश-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा।परिसर के सामने फुटपाथ या सार्वजनिक सडक़ पर कोई अवरोध और अतिक्रमण नहीं किया जाएगा।परिसर के सामने किसी तरह की होर्डिंग, विज्ञापन और अवैध पार्किंग की अनुमति नहीं होगी।

इस अधिसूचना के अनुसार मोहल्ला-कॉलोनी के लिए व्यापार अनुज्ञप्ति शुल्क नगर निगम में 4, नगरपालिका में 3 और नगर पंचायत में 2 रुपए प्रति वर्गफुट प्रतिवर्ष निर्धारित है। इसी तरह छोटे और मध्यम बाजारों में क्रमश: 5, 4 और 3 रुपए तथा बड़े बाजारों में क्रमश: 6, 5 व 4 रुपए प्रति वर्गफुट प्रतिवर्ष निर्धारित है।

नगरीय निकाय में स्थित ऐसे सभी व्यावसायिक परिसर जो बाजारों में न हो, उसके लिए अनुज्ञप्ति शुल्क की अलग दरें होंगी। नगर निगम में 30 हजार, नगरपालिका परिषद में 20 हजार और नगर पंचायत में 10 हजार रुपए से अधिक नहीं होगी। इसी तरह से वाहनों के माध्यम से व्यापार के लिए भी लाइसेंस जरूरी होगा। मिनी ट्रक, पिकअप वेन और जीप इत्यादि के लिए नगर निगम में 400, परिषद में 300 और नगर पंचायत में 200 रुपए प्रति वाहन-प्रतिवर्ष अनुज्ञप्ति शुल्क निर्धारित है।वहीं ऑटो रिक्शा और तिपहिया वाहन के लिए क्रमश: 250, 200 और 150 रुपए शुल्क देना होगा। वाहन यह सुनिश्चित करेगा कि यातायात को कोई अवरोध न हो। यातायात में अवरोध किए जाने पर अनुज्ञप्ति निरस्त कर दी जाएगी।

इसके फायदे

इन लाइसेंस के लेने पर कारोबारियों को कई फायदे होंगे। इन लाइसेंस के न होने से कारोबारी को जीएसटी नंबर नहीं मिल पा रहा है। और इसके अभाव में बैंक लोन भी नहीं दे रहे थे। दोनों लाइसेंस होने पर अब यह आसान हो जाएगा। 1956 का यह नियम राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ में भी अपनाया गया लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति और स्थानीय स्तर पर वोट बैंक की राजनीति के चलते 97 निकाय 25 वर्ष से लागू नहीं कर रहे थे। यानी इन निकायों में बिना लाइसेंस के कारोबार हो रहा था।

अब दोनों लाइसेंस अनिवार्य

श्रम विभाग अब गुमास्ता लाइसेंस के लिए कर्मचारियों की संख्या 10 को बढ़ाकर 20 करने जा रहा है। 95त्न कारोबारी जहां 10 या अधिक लोग काम करते हैं वे 1-2-5 दिखाकर गुमास्ता लाइसेंस भी नहीं लेते हैं। जबकि यह श्रम कानून के तहत अनिवार्य लेबर अनुज्ञा होता है ।अब यह दोनों सभी के लिए अनिवार्य होगा। ये दोनों लाइसेंस पर ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल में आवेदन करने पर एक साथ मिलेंगे ?


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