रायपुर

23 विधायक कुछ देर के लिए निलंबित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 जुलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन खाद और बीज संकट को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए सदन का शेष काम रोक कर चर्चा कराने की मांग की।। इस दौरान उन्होंने कहा कि, पूरे राज्य में किसानों को खाद नहीं मिल रहा है, वे बेहद दुखी और आक्रोशित हैं। उन्होंने सदन में कांग्रेस के विधायकों की ओर से दिए गए 23 स्थगन प्रस्ताव स्वीकार कर तत्काल इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, सरकार खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करने में विफल रही है। किसान बाजार से दोगुने दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं। छत्तीसगढ़ का किसान संकट में है और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। इस पर उमेश पटेल,दलेश्वर साहू, संगीता सिन्हा ने भी अपनी बात रखी। इनके तथ्य सुनने के बाद स्पीकर रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव को पढऩे के बाद सरकार की ओर से कृषि मंत्री रामविचार नेताम से जवाब मांगा। अपने जवाब में नेताम ने खाद की कमी से इंकार करते हुए नेनो डीएपी की पर्याप्त आपूर्ति होने का दावा किया। और कहा कि किसानों ने नेनो डीएपी का इस्तेमाल कर पांच लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में बोनी की है। नेताम ने स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य करने की मांग रखी। इस पर अध्यक्ष डॉ सिंह ने अग्राह्य करने की व्यवस्था दी। इस पर
कांग्रेस विधायकों ने जमकर विरोध किया। और किसान विरोधी सरकार के नारे लगाते हुए स्पीकर की आसंदी के सामने पहुंच गए।
और जमकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे की स्थिति को देखते हुए अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पाँच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होने पर स्पीकर सिंह ने गर्भगृह में नारेबाजी करने वाले 23 कांग्रेस विधायकों के स्वयंमेव निलंबन की घोषणा कर और फिर निलंबन समाप्त भी कर दिया। स्वयंमेव निलंबित होने के बाद सभी विधायको ने, सदन के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने कुछ देर के लिए प्रदर्शन किया।