रायपुर

शैक्षणिक संस्था में फर्जीवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 जुलाई। राजधानी के सालेम इंग्लिश स्कूल के सभी शिक्षक एवं कर्मचारी मासिक वेतन नहीं मिलने के कारण आर्थिक संकट में फंसे हुए हैं डायोसिस बोर्ड से संबद्ध इस संस्था में पिछले कई महीनो से ऐसी स्थिति चली आ रही है जब कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया गया।
गौरतलब है कि कोरोना काल के वेतन का भुगतान भी अभी तक नहीं किया गया है ।साथ ही शिक्षकों और कर्मचारियों की भविष्य निधि राशि भी पीएफ कार्यालय में जमा नहीं कराई गई है , उस धन से प्राचार्य एवं डायोसिस बोर्ड के पदाधिकारी अपने घर की तिजोरियां भरते जा रहे हैं। लाखों की ई एम आई वाली एक्स यू वी कार में घूमते रहते हैं । अनावश्यक निर्माण कार्यों पर खर्च किया जा रहा है। किंतु कर्मचारियों की मेहनत की कमाई का पैसा उन्हें नहीं दिया जा रहा ।शिक्षकों अपनी समस्या रखने पर प्राचार्या और डायोसिस के पदाधिकारी पहले तो मात्र आश्वासन देते रहे और अब स्पष्ट रूप से धमकी दी है कि अब कोई पैसा नहीं दिया जाएगा। और कोई कर्मचारी यहां पैसे की बात करने आया तो ठीक नहीं होगा। अनेक कर्मचारियों पर झूठे आरोप लगा कर उन्हें निलंबित भी किया जा चुका है।
विद्या के मंदिर में शिक्षकों के साथ अन्याय पूरे समाज के लिए बहुत शर्मनाक है।
विशेष उल्लेखनीय है कि बिलासपुर कलेक्टर द्वारा की गई जांच में बरजेस स्कूल में ही करोड़ों रूपयों का घोटाला पाया गया है। मसीही समाज के ही अन्य सदस्यों का कहना है कि मसीही मिशन से संबद्ध बताए जाने वाले? 10 -15 विद्यालयों की जांच होने पर अन्य बड़े घोटालों की जानकारी सामने आएगी । थाना सिविल लाइन रायपुर को दी गई जानकारी में तथ्य सामने आया कि वर्ष 2015 से कोई भी शाला डायोसिस बोर्ड के अधीन नहीं है। स्कूल की प्राचार्या तथा इस संस्था के पांच प्रमुख पदाधिकारियों के विभिन्न फर्जीवाड़ों के विरुद्ध अनेक एफ आई आर भी दर्ज की जा चुकी हैं।