रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 जुलाई। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला कोसरिया ने राज्य कार्यालय में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की।
आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ की शिकायत की थी। लेकिन जांच समिति के सदस्यों ने अनावेदक को दोषी नहीं पाया। आवेदिका का कथन है कि गवाहों ने अपना बयान बदल दिया है। ऐसी दशा में आवेदिका की शिकायत का निराकरण जो समिति से किया जाना था वह स्वमेव संदिग्ध हो जाता है इसलिए आयोग द्वारा प्रकरण को जांच के लिए दुर्ग कलेक्टर को भेजा जायेगा कि वह अपने अधीन कार्यरत् किसी वरिष्ठ महिला अधिकारी की अध्यक्षता में गठित एल.सी.सी. के द्वारा इस प्रकरण की जांच कराकर 3 माह के अंदर आयोग में रिपोर्ट प्रस्तुत करें व स्वामी आत्मानंद जे.आर.डी. दुर्ग में पदस्थ समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं का स्थानांतर अनयंत्र स्थान पर कराया जाना आवश्यक है। समस्त तथ्यों में कलेक्टर को पत्र प्रेषित कर 03 माह के भीतर रिपोर्ट मंगायी जायेगी, ताकि समस्या का निराकरण हो सके।
अन्य एक प्रकरण में आयोगी समझाईश के बाद अनावेदक आवेदिका को एक मुश्त भरण-पोषण की राशि 4 लाख रू. देने व आवेदिका की शादी का समस्त सामान देना स्वीकार किया। सुनवाई के दौरान अनावेदक ने प्रथम किश्त 1 लाख रू. आयोग के समक्ष दिया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक (पति) का अन्य महिला से संबंध है। और इस वजह से दोनो पति-पत्नी डेढ़ साल से अलग रह रहे है।