रायपुर

कोर्ट ने कहा- बाप- बेटी के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाले को सजा देना आनिवार्य है ताकि समाज में इस तरह की शर्मनाक घटना दोबारा न हो
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 जून। बाप बेटी के रिश्ते को तार- तार करने वाले पिता को फॉस्ट ट्रेक विशेष न्यायालय न्यायाधीश विनय कुमार प्रधान ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही साथ सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि बाप- बेटी के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाले को सजा देना आनिवार्य है ताकि समाज में इस तरह की शर्मनाक घटना दोबारा न हो।
विशेष लोक अभियोजक विमला ताण्डी ने बताया कि घटना तीन साल पहले की है। जहां तेलीबांधा निवासी 12 साल की पीडि़ता ने अपने ही पिता के खिलाफ दुष्कर्म करने का आरोप लगाई है। पीडि़ता अपने परिवार के साथ रहती थी। इस दौरान उसके पिता ने 7 जनवरी 2022 से 2024 तक जबरदस्ती उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। नाबालिग पीडि़ता को उसका पिता मोबाइल पर अश्लील वीडियो ें दिखाता था। साथ ही वीडियो देखकर पीडि़ता के साथ दुष्कर्म करता रहा। इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देता था। इसी तरह आरोपी पिता 30 दिसम्बर 2023 की रात को अपनी बेटी के साथ गलत काम करने लगा। पिता की हरकतों से परेशान होकर पीडि़ता ने घटना की जानकारी अपनी मां को दी। इसके बाद पीडिता ने तेलाबांधा थाना जाकर अपने पिता के खिलाफ रेप करने का मामला दर्ज कराई। पुलिस ने पीडि़ता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ धारा 376 2 (एन) 3762 (एच)का अपराध दर्ज कर विवोचना में लिया गया। विवेचना के दौरान पुलिस ने पीडिता सहित परिजनों से पूछताछ कर आरोपी पिता को गिरफ्तार किया गया।
पीडि़ता का मेडिकल परिक्षण कराया गया। साथ ही पीडि़ता से इस बारे में पूछताछ की गई। आरोपी पिता राहुल मसीह को पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया। जहां पर अपर सत्र न्यायालय पॉक्सो फास्ट ट्रेक विशेष न्यायाधीश विनय कुमार प्रधान की कोर्ट में पेश किया गया। जहां पर गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने अभियुक्त पिता राहुल मसीह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है साथ ही प्रकरण में टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त को अपनी ही स्त्रयं की 16 वर्ष से कम उम्र की पुत्री जो उसके साथ रहती थी, उसके साथ बलात्संग किये जाने के आरोप में दोषी है। पिता-पुत्री का रिश्ता अत्यंत ही पवित्र रिश्ता होता है, अभियुक्त द्वारा इस प्रकार का अपराध कारित कर न केवल अपनी पुत्री के साथ बलात्संग कारित किया, बल्कि पीडिता पुत्री के पावन रिश्ते को भी कलंकित किया है। ऐसे कृत्यों से समाज में अविश्वास का वातावरण निर्मित होता है, उस कृत्य मानवता को कलंकित करता है, ऐसे व्यत्तित्यों के साथ उदारता का व्यवहार किया जाना उचित नहीं है।