रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 मई। शुक्रवार को प्रदेश के विधायक मंत्रियों के निज सचिव/निज सहायकों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किया गया है। इसका उदघाटन करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि- निज सहायकों के कार्यो में और अधिक गुणवत्ता एवं दक्षता आयेगी और वे विधायकों के संसदीय दायित्व निर्वहन एवं जनप्रतिनिधि के रूप में प्रभावी भूमिका निर्वहन में उपयोगी एवं सहायक सिद्ध होंगे ।
उन्होंने कहा कि-निज सचिव/ निज सहायक को केन्द्र एवं राज्य की फ्लेगशिप योजनाएं कंठस्थ होनी चाहिए । इन योजनाओं से संबंधित विभिन्न विभागों के प्रपत्र भी हितग्राही के उपयोग के लिए उनके पास होनी चाहिए। उन्होंने निज सचिव/ निज सहायक में समय प्रबंधन, गोपनीयता एवं विश्वसनीयता जैसे गुण होने पर विशेष जोर दिया ।
डॉ. महंत ने कहा कि- प्रशिक्षण से निज सहायक शासकीय प्रक्रियाओं को और बेहतर तरीके से समझेगें जिससे प्रजातांत्रिक व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी। संसदीय कार्यमंत्री कश्यप ने कहा कि- निज सहायक विधायकों के लिए एक प्रेरक तत्व की तरह कार्य करते हैं।
सचिव श्री शर्मा ने निज सहायक विधानसभा की सभी शाखाओं में किये जाने वाले कार्य को जाने इससे विधायकों को अपने कार्य को मूर्तरूप देने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि निज सचिव/निज सहायक अपनी विनम्रता, आज्ञाकारिता विश्वास, प्रतिबद्धता जैसे गुणों से विधायकों की सफलता के कारक बन सकते हैं। उन्होंने सचिवालय की प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण सूचनाओं के संदर्भ में भी प्रतिभागियों को सारगर्भित जानकारी दी। उदघाटन सत्र के अंत में संचालक मनीष शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया ।
प्रशिक्षण के विभिन्न सत्रों में अरूण कुमार बिसेन ने ‘निज सचिव/निज सहायक की विधान सभा एवं शासन में समन्वय की भूमिका, सोशल मीडिया एवं टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग’ दिनेश त्रिवेदी ने ’’विधान सभा का गठन एवं विधान सभा के सत्र’ विषय पर ज्ञानेन्द्र उपाध्यय ने ’सुरक्षा व्यवस्था संबंधी, विषय पर जीएस सलूजा ने ‘‘मान. सदस्यों के सफल जनप्रतिनिधि तथा संसदीय दायित्व निर्वहन में सहयोगी के रूप में भूमिका’’ विषय पर आशीष शुक्ला ने लोक महत्व के विषय पर स्थगन प्रस्तावध् ध्यानाकर्षण सूचना एवं शून्यकाल, याचिका विषय पर सुधीर शर्मा ने ’प्रश्न एवं प्रश्नकाल’ विषय पर संकल्प एवं विधान सभा की समितियॉ डॉ. बलराम शुक्ला ने वित्तीय कार्य/विधायी कार्य विषय पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये एवं प्रतिभागियों की शंका का समाधान किया ।
प्रशिक्षण में लगभग 100 से अधिक निज सचिव/ निज सहायकों ने भाग लिया एवं विभिन्न विषयों पर विषय-विशेषज्ञों से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया ।