रायपुर

36 आबकारी अफसरों के विरूद्ध दर्ज होगा केस, मिली अनुमति
18-May-2025 7:54 PM
36 आबकारी अफसरों के विरूद्ध दर्ज होगा केस, मिली अनुमति

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 18 मई। छत्तीसगढ़ के 2100 करोड़  शराब घोटाले में पूर्व मंत्री के  13 करीबियों के ठिकानों पर आज छापे के बाद आबकारी विभाग के  अफसरों के खिलाफ?? ईओडब्लू को अभियोजन की स्वीकृति मिल गई है । इन सभी अफसरों के नाम

आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की एफआईआर में हैं।  इन अफसरों पर सीधी कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी। इनमें तत्कालीन एडिशनल डायरेक्टर, ज्वाइंट डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, जिला आबकारी अधिकारी और कुछ एडीईओ-इंस्पेक्टर  हैं। शराब स्कैम की एफआईआर में 36 आरोपी बनाए गए हैं।इनमें  उपायुक्त अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा,सहायक आयुक्त अरविंद पाटले, प्रमोद नेताम, रामकृष्ण मिश्रा, विकास गोस्वामी, जिला आबकारी अधिकारी इकबाल खान, नितिन खंडूजा, नवीन सिंह तोमर, मंजू केसर,सौरभ बख्शी,दिनकर वासनिक, अशोक सिंह,मोहित जायसवाल, नीतू नोतानी,रविश तिवारी,जीपी दर्दी, नोहर सिंह ठाकुर, सहायक जिला आबकारी अधिकारी जनार्दन कौरव समेत अन्य शामिल हैं। इन सबके नाम ईडी, की जांच रिपोर्ट में भी है।

 अब ईओडब्लू के आने वाले समय में पेश होने वाले चालान में ये अफसर आरोपी होंगे।  और सभी को केस के मुकदमे में जाना होगा। इस घोटाले पूर्व मंत्री कवासी लखमा समेत डेढ़ दर्जन से अधिक राजनेता, अफसर तथा कारोबारी पहले ही जेल में हैं।

छत्तीसगढ़ ईओडब्लू की एफआईआर पर ईडी को बड़ी सफलता

उधर झारखंड शराब घोटाले को लेकर छतीसगढ़ ईओडब्लू के लिए बड़ी खबर है कि झारखंड के उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व अधिकारियों विनय चौबे , गजेंद्र सिंह सहित अन्य के ठिकानों से जब्त आइफोन व अन्य दस्तावेज फिलहाल ईडी के कब्जे में ही रहेंगे। यह निर्देश नई दिल्ली स्थित ईडी की न्याय निर्णय प्राधिकरण (एडजुकेटिंग अथॉरिटी) का है।अथारिटी ने ईडी की याचिका पर सुनवाई के बाद यह यह आदेश दिया है। शराब घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच के दौरान ईडी ने यह जब्ती 29 अक्टूबर 2024 को की थी। तब ईडी ने शराब घोटाला मामले में झारखंड व छत्तीसगढ़ के अधिकारियों से जुड़े ठिकानों पर एक साथ छापामारी की थी।

इस छापामारी में झारखंड की वर्तमान उत्पाद नीति (जनवरी 2022 में छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड के मॉडल आधारित) से जुड़े कागजात, प्रिज्म कंपनी के होलोग्राम के नमूने, दो आइफोन, अन्य मोबाइल आदि की बरामदगी हुई थी। उक्त साक्ष्य व दस्तावेज ईडी के कब्जे में रहे, इसके लिए ही ईडी ने एडजुकेटिंग अथॉरिटी में याचिका दाखिल कर रखी थी। इन दोनों अफसरों पर केस चलाने भाजपा शासित छत्तीसगढ़ के  ईओडब्लू ने जेएमएम की झारखंड सरकार से अनुमति मांगी है।यह आवेदन मार्च से अनिर्णीत व  लंबित है। बता दें कि विनय चौबे पिछली सरकार में सीएम हेमंत के  सचिव भी रहे हैं ।

झारखंड के तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह व अन्य के विरुद्ध छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा रायपुर में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ही ईडी ने गत वर्ष अपने यहां ईसीआइआर दर्ज किया था। उक्त केस रांची के अरगोड़ा निवासी विकास सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया था।

विकास सिंह का आरोप था कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव अनिल टुटेजा, छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक अरुणपति त्रिपाठी, रायपुर के बैरन बाजार निवासी अनवर ढेबर व उनके सिंडिकेट ने झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर साजिशपूर्वक झारखंड की आबकारी नीति में फेरबदल किया।


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