रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अप्रैल। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र में लिखा है। इसमें भारतमाला परियोजना अन्तर्गत रायपुर विशाखापटनम प्रस्तावित इकनोमिक कॉरिडोर के सडक़ निर्माण के लिए अभनपुर में अन्तर्गत निजी भूमि के अधिग्रहण से मुआवजा घोटाले की सीबीआई से जांच की मांग की। इससे पहले महंत ने केन्द्रीय सडक़ मंत्री नीतिन गडक़री से भी यह मांग की थी। महंत का कहना है कि राशि के निर्धारण तक की प्रक्रिया में विधि विरूद्ध कार्यवाही करते हुए, लोक सेवकों तथा भूमि स्वामियों के द्वारा आपराधिक षडय़ंत्रपूर्वक भ्रष्टाचार किया गया हैं, जिसके कारण भारत सरकार को कम से कम रू. 43,18,27,627.00 की आर्थिक क्षति हुई है। महंत ने अपने पत्र के साथ विधानसभा के बजट सत्र में राजस्व मंत्री से हुए सवाल-जवाब का विवरण भी संलग्न किया है।
राजस्व मंत्री के लिखित उत्तर में यह स्वीकार किया था कि जांच रिपोर्ट के अनुसार फर्जी नामांतरण प्रकरण तैयार कर मुआवजा स्वीकृत किये जाने से शासन को आर्थिक क्षति होना प्रतिवेदित किया गया हैं। वास्तविक मुआवजा राशि रू. 7,65,30,692.00 होता है, परंतु मुआवजा राशि का निर्धारण और भुगतान रू. 49,39,40,464.00 किया गया है। इस प्रकार रू. 43,18,27,627.00 का अधिक निर्धारण कर दिया गया। जांच प्रतिवेदन के निष्कर्षों के अनुसार भूमि के अर्जन की वैधानिक अधिसूचना के प्रकाशन के पश्चात् पूर्व की तिथियों में क्रय/विक्रय पंजीयन/बटांकन/नामांतरण की विधि विरूद्ध कार्यवाहियां की गई। जिसके कारण भूमि के खातों का विभाजन हुआ फलस्वरूप बहुत अधिक दर से मुआवजा निर्धारण हुआ।
महंत ने बताया कि यह जांच प्रतिवेदन भारतमाला परियोजना के लिए भूमि अर्जन में केवल एक अनुविभाग अभनपुर में हुए भ्रष्टाचार से संबंधित है। इस जांच में अनेक बिन्दुओं को छोड़ भी दिया गया है आपराधिक षडय़ंत्र का भी उल्लेख नहीं किया गया है। अत: इस जांच प्रतिवेदन के आधार पर आरोपियों के विरूद्ध की गई कोई भी कार्यवाही न्यायालय के समक्ष स्थिर नहीं रह सकेगी।
छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के अन्तर्गत जितनी भी सडक़ों का निर्माण करने के लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया है, उन सभी में इसी प्रकार से आपराधिक षडय़ंत्रपूर्वक भ्रष्टाचार किया गया है अत: सभी की जांच केन्द्रीय एजेन्सी से कराए जाने की आवश्यकता है।