रायपुर

20 वर्ष बाद भी अधूरी है राजधानी से लगी समोदा डायवर्सन योजना
06-Apr-2025 3:43 PM
20 वर्ष बाद भी अधूरी है राजधानी  से लगी समोदा डायवर्सन योजना

मुख्य तकनीकी परीक्षक ने निर्माणाधीन एक्वाडक्ट की गुणवत्ता जांचने  लिए सेम्पल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अप्रैल।
प्रदेश में जारी विकास कार्यों की गति राजीव समौदा-निसदा डायवर्सन योजना (फेस-2) को देख कर समझी जा सकती है। राजधानी जहां पूरी सरकार रहती है, से लगी यह योजना बास वर्ष बाद भी  पूरी नहीं हो पाई है। 

निर्माणाधीन परियोजना के ट्रफ एवं डी.आर.बी. कार्य का मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता)  आर. पुराम ने स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माणाधीन एक्वाडक्ट की गुणवत्ता की नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग उपकरण से जांच की । और प्रयोगशाला परीक्षण के लिए  सेम्पल नमूने लिए। यह परीक्षण रायपुर स्थित प्रयोगशाला में किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान श्री पुराम ने उक्त कार्य के संबंध में भू-अर्जन एवं वन स्वीकृति की प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए, ताकि कार्य में अनावश्यक विलंब न हो।

मुख्य तकनीकी परीक्षक ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत 82 किलोमीटर लंबाई की मुख्य नहर का निर्माण प्रस्तावित है, जिससे लगभग 28,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इससे कुल 120 गांवों को लाभ मिलेगा, जिनमें से 12 गांव आरंग ब्लॉक और 108 गांव बलौदाबाजार जिले के अंतर्गत आते हैं। यह नहर निसदा (आरंग) से प्रारंभ होकर ग्राम मुंडा (कसडोल) तक जाएगी।

 

राजीव समौदा-निसदा डायवर्सन योजना से महानदी मेन केनाल के जल को भाटापारा ब्रांच केनाल में डायवर्ट कर बलौदाबाजार एवं भाटापारा अंचल के गांवों को सिंचाई उपलब्ध होगी । योजना की शुरुआत वर्ष 2005 में की गई थी, किंतु भू-अर्जन एवं वन स्वीकृति की प्रक्रिया में विलंब के कारण आज तक पूर्ण नहीं हो सकी है। श्री पुराम ने इस योजना को अटल सिंचाई योजना (जो वर्तमान में बजट में प्रावधानित है) के अंतर्गत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्राथमिकता देते हुए शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं, जिससे कृषकों को शीघ्र लाभ मिल सके। उन्होंने यह भली बताया कि निरीक्षण की संपूर्ण रिपोर्ट संगठन द्वारा जारी की जाएगी, जिसका जवाब कार्यपालन अभियंता, द्वितीय चरण, रायपुर से 15 दिवस के भीतर प्राप्त किया जाएगा।
 


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