रायपुर
रायपुर, 4 अप्रैल। उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग ने बताया कि छ.ग. प्रदेश गठन के 25 वर्ष पश्चात भी सबसे पुराने एवं वृहत औद्योगिक क्षेत्र उरला में औद्योगिक इकाईयों की आग से सुरक्षा हेतु कोई साधन नही है। कुछ बडी इकाईयों में अग्निषमन वाहन उपलबध है, लेकिन उनके भरोसे पुरे औद्योगिक क्षेत्रों को छोडऩा उचित नही है।
श्री गर्ग ने बताया कि आग लगने की स्थिति में सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र या रायपुर से अग्निषमन वाहन के आने व कार्य प्रारंभ करने में न्युनतम 1 से 2 घंटे का समय लगता है और इतने समय मेें कोई भी अनहोनी घटित हो सकती है। उरला औद्योगिक क्षेत्र के चारो ओर बीरगांव एवं उरला की करीब 1.5 लाख की सघन अबादी क्षेत्र होने के कारण आग की कोई भी घटना होने पर यदि तत्कालिक नियंत्रण नही किया जाये तो यह भयावह रुप ले सकती है। श्री गर्ग ने बताया कि 30 मार्च 2025 को उरला औद्योगिक क्षेत्र में स्थित ईकाई भीमसरिया डोर्स में आग लगने की वजह से करोड़ो रुपये का नुकसान का अनुमान है। अभी वर्तमान में गर्मी की शुरुआत हो रही है आगे आने वाले समय में आग लगने की स्थिति पर सघन अबादी होने के कारण स्थिति गंभीर रुप धारण कर सकती है।
श्री गर्ग ने बताया कि उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के द्वारा विगत 15 वर्षो से उरला आद्योगिक क्षेत्र में अग्निशमन केन्द्र की स्थापना के लिए शासन से मांग की जा रही है। उरला औद्योगिक क्षेत्र में शासन द्वारा भूमि भी चयनित की जा चूकी है किन्ही कारणों से अग्निशमन केन्द्र की स्थापना में विलंब हो रहा है।
श्री गर्ग ने बताया कि अत: प्राथमिक आवष्यक्ता की इस सुविधा को केवल उद्योगों के भरोसे न छोडकर शासन द्वारा इस दिषा में सार्थक कदम उठानें की नितांत आवष्यकता है। हम शासन से अनुरोध करते है कि अग्निशमन केन्द्र की स्थापना के पूर्व अभी वर्तमान में अस्थायी रुप से उरला औद्योगिक क्षेत्र में दमकल वाहन की व्यवस्था शासन द्वारा की जाए।