रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 मार्च। विधानसभा में शुक्रवार को गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि रायपुर और बलौदाबाजार जिले में बंदूक लाइसेंस के लिए प्राप्त 286 आवेदनों में से 81 आवेदन निरस्त कर दिए गए।
प्रश्नकाल में विधायक प्रमोद शर्मा ने सवाल किया कि प्रदेश में बंदूक/पिस्टल लाइसेंस बनाने के लिए क्या नियम है? इसकी पात्रता के लिए क्या नियम और दस्तावेज निर्धारित हैं?
गृहमंत्री ने बताया कि राज्य में गन (पिस्टल) लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन की प्रक्रिया केंद्रीय आयुध नियम, 2016 के अध्याय-2 नियम 05 अनुसार निर्धारित है। लाइसेंस के लिए पात्र और अपात्र का निर्धारण नियम 11 के तहत प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर नियम 12 के अनुसार किया जाता है।
विधायक शर्मा ने पूछा कि वर्ष 2020 से फरवरी- 23 तक रायपुर व बलौदाबाजार भाटापारा जिले में कितने लोगों ने बंदूक लाइसेंस के लिए आवेदन किया । कितने लाइसेंस प्रदान किए गए और कितने लंबित ,कितने आवेदन निरस्त किए गए। गृहमंत्री ने बताया कि इस अवधि में रायपुर जिले में 274 आवेदन आए थे।इनमें से 74 को लाइसेंस जारी किया, 125 आवेदन लंबित हैं और 75 निरस्त किए गए हैं। इसी तरह बलौदाबाजार में प्राप्त 12 आवेदनों में से एक को लाइसेंस जारी किया गया है। जबकि 5 लंबित और 6 निरस्त किए गए हैं।
विधायक शर्मा ने पूछा कि क्या उक्त अवधि में जनप्रतिनिधियों ने भी लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। किनको लाइसेंस जारी किया गया।
गृहमंत्री ने बताया कि रायपुर जिले में किसी भी जनप्रतिनिधि ने लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया। बलौदाबाजार जिले में विधायक प्रमोद कुमार शर्मा ने आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसे विचारोपरांत अमान्य किया गया है।
शर्मा से मांगे गए थे 5 लाख
यहां बता दें कि दो दिन पहले सदन में प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा के दौरान शर्मा ने खुलासा किया था कि गन लाइसेंस के लिए उनसे भी पांच लाख रुपए की मांग की गई थी।


