रायपुर
दो बार प्रभार में और दो बार अतिरिक्त कार्यकाल में रहा छत्तीसगढ़
पांच दिन के प्रवास पर गृह राज्य ओडिशा आ रहे थे हरिचंदन, मिली तबादले की सूचना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 फरवरी। छत्तीसगढ़ गठन के इन 23 वर्षों में कोई भी राज्यपाल , पुराने सर्किट हाउस से राजभवन बने सिविल लाइंस की इस कोठी में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। अबतक छत्तीसगढ़ राज्य में सात राज्यपाल नियुक्त किए गए हैं। इनमें से पांच निर्धारित कार्यकाल पूरा किए बगैर राजभवन से विदा हुए। सबसे पहले सर्वश्री दिनेश नंदन सहाय, फिर के. एम. सेठ , नरसिम्हन , शेखर दत्त, सुशील कुमार शिंदे, बलराम दास टंडन, श्रीमती आनंदी बेन, रामशरण यादव, अनुसुइया उइके। इनमें से ईएस एल. नरसिम्हन, और सेठ कार्यकाल पूरा होने के बाद एक माह से अधिक रहे। वहीं श्री टंडन का पद में रहते निधन हुआ। अब श्री हरिचंदन, वे नवमें राज्यपाल होंगे।
छत्तीसगढ़ इन 22 वर्षों में दो बार प्रभार में भी रहा है। आनंदी बेन पटेल, मप्र के साथ और सुशील शिंदे भी प्रभारी रहे। हालांकि शिंदे का कार्यकाल गिना नहीं जा रहा है और इसलिए राजभवन की दीवार पर उनकी तस्वीर नहीं लगी।एक और रोचक तथ्य यह भी है कि छत्तीसगढ़ के राजभवन में दो सैन्य अधिकारी सेठ, दत्त,दो आईपीएस सहाय, नरसिम्हन, छह दलीय नेता शिंदे, आनंदी बेन, टंडन, यादव, उइके और अब हरिचंदन। यह भी बता दें कि नरसिम्हन और आनंदी बेन को अविभाज्य आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य भी मिले। ईएसएल को आंध्र प्रदेश पुनर्गठन की जिम्मेदारी भी मिली।
अब तक के राज्यपाल
29 जुलाई 2019 से अब तक वर्तमान मे सुश्री अनुसुईया उइके छत्तीसगढ़ की सातवें राज्यपाल के पद को सुशोभित किए हुए है। दिनेश नंदन सहाय के रूप में मैंने छत्तीसगढ़ के पहले राज्यपाल को देखा, जो 01 नवंबर 2000 से 01 जून 2003 तक राज्यपाल पद में रहे। उसके बाद केएम सेठ 02 जून 2003 से 24 जनवरी 2007 तक उसके बाद ईएसएल नरसिम्हन 25 जनवरी 2007 से 23 जनवरी 2010 तक उसके बाद शेखर दत्त 23 जनवरी 2010 से 01 जुलाई 2014 तक उसके बाद राम नरेश यादव 02 जुलाई 2014 से 24 जुलाई 2014 तक, उसके बाद बलरामजी दास टंडन 25 जुलाई 2014 से 14 अगस्त 2018 तक इस पद पर सुशोभित हुए। इसके बाद बलराम दास टंडन के आकस्मिक निधन होने पर मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने 15 अगस्त 2018 से 28 जुलाई 2019 तक राज्यपाल का पद सम्भाला।


