रायपुर
तीन से अधिक कर्मचारी-अधिकारी शामिल हुए, 13-14 को भी होगी कार्यशाला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 फरवरी। एनपीएस से ओपीएस परिवर्तन के लिए वित्त विभाग से जारी नियमों से पूरे प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इस संबंध में नियमों की व्याख्या एवं भ्रम को दूर करने बाबत विगत दिनों मंत्रालयीन कर्मचारी संघ की मांग पर सामान्य प्रशासन विभाग ने तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजित की है। गुरुवार को पहले दिन सहायक अनुभाग अधिकारी, वरिष्ठ सचिवालय सहायक एवम स्टेनोग्राफर संवर्ग के लगभग 300 मंत्रालय कर्मियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया और नियमों/अधिसूचना की बारीकियों को समझा। यह कार्यशाला 13,14 तारीख को भी होगी।
पेंशन संचालनालय के चार वरिष्ठ अधिकारियों सर्वश्री आर. पी. एस. चौहान, अतिरिक्त संचालक, मोहम्मद इमरान खान, आलोक राय, संयुक्त संचालकद्वय, के. एन.चंद्राकर, सहायक संचालक ने सारगर्भित एवं अति महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ संबोधित किया।
संघ के अध्यक्ष ने बताया कि कार्यशाला से कर्मचारियों के मन से पुरानी पेंशन योजना के संबंध में उपस्थित सारे भ्रम दूर हुए हैं।
पुरानी पेंशन योजना पूर्व से प्रचलित पेंशन नियम, 1976 से ही शासित होगा एवं 1 नवंबर, 2004 से ही लागू होगा। अर्थात नियमित कर्मचारी जिस दिन शासकीय सेवा में प्रथम नियुक्त हुए हैं, उनकी पेंशन योग्य सेवा की गणना उसी तिथि से की जायेगी। 10 वर्ष की नियमित सेवा उपरांत कर्मचारी को पेंशन की पात्रता होगी। राज्य शासन को केवल शासकीय अंशदान लौटाना है, कर्मचारी का अपना अंशदान उसे ही प्राप्त होगा जो क्कस्नक्रष्ठ्र के नियमानुसार होंगे। पेंशन योग्य गणनीय सेवा के पहले का कोई भी अंशदान नहीं लौटाना पड़ेगा। ह्रक्कस् में परिवार पेंशन की भी पात्रता रहेगी।
कार्यशाला के उपरांत कर्मचारियों के चेहरे पर भविष्य को लेकर निश्चिंतता देखी गई। कार्यशाला आगामी दिवसों में सोमवार और मंगलवार को भी आयोजित होगी।
संघ के अध्यक्ष सहित सचिव कांति सूर्यवंशी, संयुक्त सचिव मनोज साहू, कोषाध्यक्ष पवन साहू एवं सदस्य उमेश सिंह एवं विष्णु मोंगराज ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
ओ.पी.एस/एन.पी.एस.
वित्त निर्देश 02/2023 अधिसूचना 20 जनवरी द्वारा अधिसूचना 11 मई, 2022 में सरल क्रमांक 5, 6, 7 के स्थान पर नया सरल क्रमांक 5 (अ) (ब) (स) 6 एवं 7 को प्रतिस्थापित किया गया है अर्थात् 11 मई 2022 की अधिसूचना का सरल क्रमांक 1, 2, 3, 4 एवं अन्य यथावत है। 11 मई 2022 की अधिसूचना के सरल क्रमांक 1 अनुसार 1.11.2004 से पुरानी पेंशन योजना बहाल किया गया है, जो यथावत है। इसलिए यह स्पष्ट है कि पुरानी पेंशन योजना 01.04.2022 से लागू नहीं किया गया है।
पुरानी पेंशन योजना का विकल्प लेने वाले 01.04.2022 से सीजीपीएफ के सदस्य होंगे। अर्थात 01.04.2022 से सीजीपीएफ खाता संधारित किया जाएगा। जीपीएफ और पेंशन दो अलग-अलग चीज है। पेंशन गणना में सीजीपीएफ/जीपीएफ/डीपीएफ को कोई रोल नहीं है। पेंशन की गणना सिर्फ अर्हतादायी सेवा अवधि (अधिकतम 66 छ:माही अर्थात 33 साल) पर आधारित है। मई 2022 की अधिसूचना अनुसार जब पुरानी पेंशन योजना 2004 से बहाल किया गया है तो हमारी पुरानी सेवा (01.04.2022 के पहले की) अर्हतादायी सेवा में गणना होगी ही और उसी के आधार पर हमारी पेंशन बनेगी।
राज्य के पास जमा फंड से पेंशन देंगे - सीएम
ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने कहा कि पैसे कैसे नही मिलेंगे।हमारे पास जो जमा रहेगा वो देंगे। इसमें सारे कंडीशन हैं।


