रायपुर

चार सौ से अधिक अवैध निर्माण को नियमित करने की अनुशंसा, पर दो माह बाद भी डिमांड नोट नहीं
27-Jan-2023 6:11 PM
चार सौ से अधिक अवैध निर्माण को नियमित करने की अनुशंसा, पर दो माह बाद भी डिमांड नोट नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 27 जनवरी। रायपुर जिले के करीब चार सौ अवैध निर्मार्णों के नियमितीकरण की अनुशंसा को दो माह से अधिक हो चुके हैं, लेकिन डिमांड नोट जारी नहीं हो सका है। इससे परे 5 सौ से अधिक नियमितीकरण के लिए नए आवेदन आए हैं। जिस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है।

सीएम भूपेश बघेल ने अवैध निर्माण के नियमितीकरण के लिए हर महीने बैठक बुलाने के निर्देश दिए थे। ताकि लंबित प्रकरणों का जल्द से जल्द निराकरण हो सके।  मगर रायपुर जिले के प्रकरणों के निपटारे के लिए पिछले दो माह से बैठक नहीं हो पा रही है। और तो और जिन प्रकरणों का निराकरण हो चुका था, और नियमितीकरण की अनुशंसा हो चुकी है। उन्हें डिमांड नोट जारी नहीं हो पाया है।

बताया गया कि रायपुर जिले के अवैध निर्माण प्रकरणों के नियमितीकरण के लिए गत 28 नवंबर को बैठक हुई थी। कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में रायपुर नगर-निगम के 383, 5 एनआरडीए, और 30 बिरगांव के प्रकरणों का निराकरण किया गया, और नियमितीकरण की अनुशंसा की गई। इस तरह 418 अवैध निमार्णों को नियमित किया जाना है।

बताया गया कि नियमानुसार नगर निवेश विभाग से डिमांड नोट जारी होने के बाद राशि जमा करने के बाद नियमितीकरण किया जा सकता है। लेकिन दो माह बाद भी संबंधित लोगों को डिमांड नोट जारी नहीं किया जा सका। समिति के एक सदस्य ने  ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि मिनट्स पर रायपुर, बीरगांव निगम कमिश्नर के हस्ताक्षर हो चुके हैं। एनआरडीए सीईओ को हस्ताक्षर के लिए फाइल भेजी गई है। एनआरडीए से कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद फाइल कलेक्टर को भेजी जाएगी। इसके बाद डिमांड नोट जारी किए जाएंगे। उन्होंने यह बताया कि आने वाले समय में समिति की जल्द बैठक होगी, जिसमें और लंबित प्रकरणों को नियमित करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

सूत्र बताते हैं कि रायपुर नगर-निगम में ही अकेले 5 सौ से अधिक प्रकरण नियमितीकरण के लिए आ चुके हैं। लेकिन अनुशंसित प्रकरणों पर कार्रवाई नहीं होने  से प्रक्रिया रूक गई है। हल्ला है कि डिमांड नोट जारी होने से पहले संबंधित लोगों से लेन-देन भी किए जा रहे हैं। इसको लेकर भी कई स्तरों पर शिकायत हो रही है। बहरहाल, आने वाले दिनों में मामला तुल पकड़ सकता है।

मास्टर प्लान-31 पर सुनवाई 10 फरवरी को

रायपुर के मास्टर प्लान-2031 को लेकर आपत्ति दावे बुलाए गए थे, और जिस पर 24 तारीख से सुनवाई होनी थी। यह टल गई है। अब 10 फरवरी को सुनवाई होगी। इन सब वजहों से मास्टर प्लान जारी होने में और विलंब हो सकता है। नगर निवेश के संयुक्त संचालक संदीप बांगड़े ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में बताया कि   गणतंत्र दिवस आदि कार्यक्रमों की वजह से बैठक टाली गई है। 10 फरवरी से सुनवाई शुरू होगी। बताया गया कि करीब साढ़े 14 सौ आपत्ति दावे आए हैं। जिनका निराकरण किया जाना है।


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