रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 जनवरी। पूर्व मंत्री व प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने कहा नान घोटाले मामले में जो तथ्य सामने आ रहे हैं वो रौंगटे खड़े कर देने वाले हैं। राजनीति में आरोप प्रत्यारोप, वैचारिक मतभेद यह सामान्य बात है, परन्तु पूरी सरकार और प्रशासन को किसी व्यक्ति उसके परिवार और उनसे संबंधित लोगों के पीछे षडय़ंत्रकारी लगा दिया जाए तो यह कहना अतिश्योति नहीं है कि यह राजनीति के वैश्विक इतिहास की सबसे घृणित घटना है।
मूणत ने कहा कि एक निजी मीडिया हाऊस के माध्यम से शासन-प्रशासन के लोगों के मध्य हुई वाट्सअप चैट के आधार पर आयी जानकारी से यह स्पष्ट हो गया कि राज्य की भूपेश सरकार ने नान घोटाले को लेकर एक बड़ा षडय़ंत्र रचा जिसमें निम्न बातें सामने आयी है।
मूणत ने बताया कि बकायदा लोगों को टारगेट करने के लिए एक हिटलिस्ट बनाई गई बिल्कुल एक सुपारी किलर की तरह सभी को इस हिटलिस्ट में लिखे नामों को टारगेट करने कहा गया जिसने बात मान ली उसे इनाम के तौर पर प्रमोशन मिला और जिसने बात नहीं मानी उन्हें बकायदा जेल भेजने का काम भी किया गया।
सीएम बघेल ने डॉ. रमन सिंह और उनके परिवार के विरुद्ध एकनान का षड्यंत्र रचा था।सत्ता पाने के लिए भूपेश ने अपने भ्रष्ट अधिकारियों की फौज को झूठे सबूत जुटाने के लिए लगाया था।
मूणत ने कहा कि पिछले वर्षों में हुई जांच और उनके तथ्यों के आधार पर आज भूपेश बघेल और उसके पंजाछाप अधिकारियों की सच्चाई सभी के सामने आ चुकी है।अब यह स्पष्ट हो गया है कि भूपेश बघेल आखिर जांच एजेंसियों से इतना डरते क्यों है क्योंकि अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने कानून का उल्लंघन करते हुए इस हद तक भ्रष्टाचार किया है कि उन्हें यह डर सताता रहता है मानो कब कौन सा सच बाहर आ जायेगा।
ऐसा ही कुछ भूपेश बघेल ने नान घोटाले के मामले में भी किया है, 2015 में जब दो वरिष्ठ अधिकारियों का नाम नान घोटाले में सामने आया तब भाजपा की सरकार ने उन पर तत्काल कार्यवाही करते ही चार्जशीट दायर की। वही भूपेश बघेल ने इस भ्रष्टाचार में भी अवसर तलाशते हुए राजनीतिक मर्यादाओं को तार-तार किए हुए हैं।


