रायपुर

अब महाराष्ट्र की अंगुरी,संतरी और जीरा छत्तीसगढ़ में भी
11-Jan-2023 4:34 PM
अब महाराष्ट्र की अंगुरी,संतरी और जीरा छत्तीसगढ़ में भी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 जनवरी।
राजधानी में पिछले कुछ दिनों से शराब तस्करी के मामले बढ़ गए हैं। प्रदेश के देशी शराब पहले एमपी से तस्करी कर लाया जाता था। जिसपर इन सीमाओं पर पुलिस की चेकिंग कार्रवाही बढऩे से तस्करों ने महाराष्ट्र के रास्ते नागपुर की शराब की खेप लाकर राजधानी और आसपास के इलाकों में खपा रहे हैं। तस्कर छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमाओं पर पुलिस से बच बचाकर कच्चे रास्तों से लाकर शराब तस्करी करने लगे हैं। तस्कर रात के समय जब पुलिस की चेकिंग व्यवस्था नहीं होती है उसी समय में छोटी गाडिय़ों में भरकर राजधानी और आसपास के इलाकों में कोचिए को बेचा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि नागपुर में मिलने वाली शराब के दाम बहुत कम होते है। इस कारण से दोगुना मुनाफा कमाने के चक्कर में तस्कर शराब की खेप उतारने का जोखिम भी उठा रहे। वे ऐसे इलाकों को  अपना टारगेट बनाते हैं,जहां पर लोकल शराब की कमी देखी जाती है। जहां वे मनमाने दाम में ब्लैक मार्केंटिग का कारोबार चलाते है।

छत्तीसगढ़ की देशी शराब से तेज अंगुरी
प्रदेश में मिलने वाले देशी शराब प्लेन,मसाला की तुलना में नागपुरी अंगुरी,संतरी शराब का नशा तेज होता है। छत्तीसगढ़ की शराब में मिलावट अधिक होने की भी शिकायतें हैं। इसके चलते गोवा ब्रांड की शराब को लोग पीने से परहेज कर रहे हैं। ब्लैक मार्केट में अंगुरी की कीमत 100 रूपए से 150 रूपए तक बताया जाता है। मतलब सीधा दोगुना मुनाफा हो जाता है। नशा करने वालों के लिए एक दाम में डबल डोज, जिसकी नागपुर में कीमत देखी जाए तो 50-60 रूपए प्रति पौवा तक है। छानबीन में पता चला कि नागपुरी शराब संतरी, अंगुरी,जीरा की शराब की कीमत कम और पीने वालों को कम दाम होने के कारण लोग ब्लैक में खरीद रहे हैं।

तस्करी का टे्रंड बदला
अब शराब मादक पदार्थों के लिए तस्कर कच्चे ेरास्तों से लाते ले जाते हैं। शहर के आउटरों में सुने मकान और गोदामों को सप्लाई कर छोटी मात्राओं में माल ग्राहकों तक ले जाया जाता है।


अन्य पोस्ट