रायपुर
250 किमी की ऊंचाई पर होने वाला मौसमी हलचल बताएगा राडार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 जनवरी। कृषि विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित होने वाला डॉप्लर राडार किसानों के साथ-साथ वायुसेवाओं के लिए अधिक उपयोगी होगा। यह डॉप्लर इसी वर्ष से ऑपरेट होने लगेगा। जो जमीन से 250 किमी की ऊंचाई तक हवा-पानी, ओलावृष्टि और आसमानी बिजली से आगाह कर विभागों की आवाजाही सुरक्षित करेगा।
इस राडार की तकनीकी विशेषताओं के संबंध में बताया गया कि इसका वेदर कवरिंग रेंज वैसे तो जमीन से 3 सौ किमी की ऊंचाई का है, लेकिन छत्तीसगढ़ को...हवा और मौसमी घटनाओं को देखते हुए 250 किमी की ऊंचाई तक यह क्लीयर रेजूलेशन पर काम करेगा।
इस समय मौसम विभाग, छत्तीसगढ़ के मौसम का पूर्वानुमान सेटेलाइट के जरिए 36 हजार किमी तक ही प्राप्त करता है। इसमें रेजूलेशन की कमी रहती थी। और 36 हजार किसमी ऊपर से मौसमी हलचल को नीचे तक आने के दौरान बहुत सा बदलाव हो जाता है, जिसे सेटेलाइट अनुमान नहीं लगा पाता था। अब ऐसा नहीं हो पाएगा, वेदर कंडीशन की एक्यूरेसि कई अधिक स्पष्ट होगी।
मौसम विज्ञानिकों ने बताया कि पूरी तरह से स्वचालित डॉफ्लर राडार इट (10-10) मिनट के अंतराल में विंड साइड (हवा की दिशा) पर आपरेट होता रहेगा। इस दौरान 250 किमी दूर आसमान पर हवा की गति, तेजी हवा का उतार-चढाव (नीचे-उपर बहाव) बिजली गर्जना और बिजली गर्जना और बिजली गिरने की राइमिंग तक ज्ञात हो पाएगी। इसके चलते हवाई जहाजों को बादल-तूफान में फंसने की संभावनाएं पूरी तरह से खत्म हो जाएंगा। सी-बैंड तकनीक का यह राडार वृष्टि, ओलावृष्टि (ठोस द्रव्य दोनों) को चिन्हित करेगा।
इतना ही नहीं 10 हजार वोल्ट क्षमता के गाज का भी सटीक पूर्वानुमान बताएगा। इस क्षमता की गाज से एयरोप्लेन में आग लगने का खतरा रहता है। सोमवार के कृषि विवि और भारत मौसम विज्ञान विभाग के बीच राडार स्थापित करने एमओयू हुआ है। इसके लिए कृषि विवि 30ङ्ग50 मीटर जमीन देगा वहीं मौसम विभाग 10 करोड़ की लागत से राडार स्थापित करेगा।
80 उड़ाने रोज
एयरपोर्ट के अनुसार विवेकानंद एयरपोर्ट माना से रोजाना 80 उड़ाने (नॉन शेड्यूल समेत) संचालित होती है। ठंड और बारिश के दिनों में मौसम खराब होने पर विमानों को नागपुर डायवर्ट करना पड़ता है। ये सभी उड़ाने अधिकतम 30 हजार फीट ऊंचाई पर फ्लाइ करती है। ऐसा कम ही आ है कि विमान, बादलों और तेज आसमानी हवा के बीच फंसा हो। इस डॉप्लर राडार से ये संभावनाएं भी नहीं रह जाएगी।


