रायपुर
रायपुर, 7 जनवरी। स्वामी अनुभवानंदजी जिनका प्रतीक वाक्य मौज में रहो है, का रायपुर में आध्यात्मिक प्रवचन 30 जनवरी से आयोजित है।
स्वामी अनुभवानन्दजी स्वामी चिन्मयानन्दजी के शिष्य है। मुंबई स्थित सांदीपनी साधनालय के आचार्य पद पर प्रतिष्ठित होकर इन्होंने अनेक साधकों के अन्त:करण ज्ञान का दीप जलाया ।
निदरलैंड की अमृतानुभव की टीका के िलये स्वामीजी को डाक्टरेट की डिग्री दान की है। विभिन्न इलेक्ट्रािनक मीडिया द्वारा भगवद गीता, उपिनषद, पातंजिल योग दर्शन तथा अन्य ग्रंथों पर दिये गये स्वामीजी के वचनों की एक सहस्त्र से भी अिधक रिकार्डिंग की गई है । इनकी मौज में रहो वचनमाला सबसे पहले देश विदेश में बहुत अधिक लोकप्रिय हुई । संपूर्ण अध्यात्मिक विद्या को इन्होंने मौज में रहने की कला के रूप में समझाया है।
भारत के सर्वाधिक पुरातन योग प्रशिक्षण केन्द्र कैवल्यधाम (लोनावाला ) के साथ विश्व प्रसिद्ध बिरला इंस्ट्रीट्यूट आफ टेक्नालाजी एंड साइन्स पिलानी और अहमदाबाद मैनेजमेंट, एसोसिएशन इन्हें प्रशिण के रूप में पाकर अपने गौरान्वित अनुभव करते है।


