रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 जनवरी। जेल मुख्यालय और कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के बंगले कुछ दूरी पर सडक़ को इस तरह से खोदकर चार दिनों से खुला छोड़ दिया गया है । किस योजना के लिए खोदा या विज्ञापन के पोल के लिए यह स्पष्ट नहीं है। इतना अवश्य है कि अच्छी सडक़ को फिर से गड्ढेदार बनाने का उपक्रम चल रहा है निगम का। इन गड्ढों से किसी भी समय जानलेवा हादसा हो सकता है। साफ है खोदने वालों को लोगों की जान की पड़ी ही नहीं है, साथ ही संबंधित सरकारी एजेंसी के अधिकारी की निगरानी के बिना काम हो रहा है यह भी दिख रहा। शाम को तो यह गड्ढा दिखाई ही नहीं देता। वो तो भला हो कि जेल मुख्यालय में बड़े आईपीएस अफसर आते जाते हैं इसलिए सामने के गड्ढे को मार्कर से घेर दिया गया है और दूसरी ओर खुला छोड़ दिया है। 200-400 के बैरिकेड बचाने के चक्कर में आदमी की जान चली जायेगी। इधर पुराने पीएचक्यू और राजभवन के बीच पाथवे पर लोहे के पाइप का टूटा हुआ हिस्सा ठूंठ की तरह किसी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है। कल ही माना के आगे गड्ढे के कारण एक आरक्षक और एक व्यक्ति की सडक़ हादसे में मौत हुई है।


